76th Republic Day :  गणतंत्र दिवस के कुछ रोचक तथ्य क्या हैं?

76th Republic Day :  इस वर्ष 76वा गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन भारत के लोकतांत्रिक आदर्शों, संविधान की शक्ति और भारतीय संस्कृति की विविधता का प्रतीक है। इसी दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था।

भारतीय संविधान का निर्माण एक अभूतपूर्व कार्य था और यह न केवल भारत की विविधता को मान्यता देता है, बल्कि स्वतंत्रता, समानता, और बंधुत्व की अवधारणाओं को भी प्रोत्साहित करता है। डॉ. भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ़्टिंग कमिटी का काम बहुत ही चुनौतीपूर्ण था, और उन्होंने इसे पूरी दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधान के रूप में आकार दिया।

‘जन गण मन’ कैसे बना राष्ट्रगान?

राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ को 24 जनवरी 1950 को स्वीकार करना भी एक ऐतिहासिक कदम था। यह गान हमारे देश की विविधता और एकता का प्रतीक बन गया है। इस गान को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा और संगीतबद्ध किया। यह गीत पहले बंगाली में लिखा गया था और उसकी धुन भी रवींद्रनाथ ठाकुर ने बनाई थी। भारतीय संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को इसे आधिकारिक राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।

भारतीय संविधान – सर्वोच्च कानून?

भारतीय संविधान वास्तव में भारतीय गणराज्य का सर्वोच्च कानून है और यह हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था, शासन और प्रशासन की नींव है। संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि यह हमारे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन का मार्गदर्शन करने वाला दस्तावेज है। संविधान को तैयार करने का कार्य संविधान सभा द्वारा किया गया था, और इसमें प्रारूप समिति का प्रमुख योगदान था। प्रारूप समिति का नेतृत्व डॉ. भीमराव आंबेडकर ने किया था, जिन्हें भारतीय संविधान का “मुख्य निर्माता” भी कहा जाता है। इस समिति में कुल 7 सदस्य थे, और डॉ. आंबेडकर के साथ उनके सहयोगी, जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, और गोपाला स्वामी आयंगर जैसे नेताओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे तैयार करने में कुल 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।

गणतंत्र दिवस परेड

गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन 1955 से शुरू हुआ था, और यह भारतीय लोकतंत्र और गणराज्य की शक्ति और विविधता का एक भव्य उत्सव बन चुका है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्यपथ) पर हर साल 26 जनवरी को आयोजित होने वाली परेड में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, सांस्कृतिक विविधता, और तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन होता है। यह परेड न केवल एक भव्य सैन्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन है, बल्कि यह भारत के आगामी भविष्य की दिशा, उसकी विकास यात्रा और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है।

इस वर्ष के गणतंत्र दिवस परेड की झांकियों की थीम स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ (Golden India – Heritage and Development) है।

Positive सार

यह दिन भारतीय संविधान के महत्व को समझने और स्वीकार करने का अवसर है। संविधान में दिए गए मूल अधिकार और मूल कर्तव्य हमें यह सिखाते हैं कि हमारा समाज कैसा होना चाहिए और हमारे व्यक्तिगत अधिकारों के साथ-साथ सामूहिक जिम्मेदारियां क्या होनी चाहिए।

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Rishita Diwan

Content Writer

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