नवरात्रि: नव जीवन

108 नाम जिनके व्यक्तित्व के भाव को परिभाषित करते हैं। जो उत्कृष्टता की पराकाष्ठा हैं। जिनका हर रूप, हर अवतार दिव्यता से भरपूर है। पैराणिक कहानियों से ढेरों जानकारियां उनके बारे में लिखित हैं। फिर भी कभी-कभी मैं सोचती हूं, कौन है ये खूबसूरत देवी, जो कभी दुर्गा बन शेर की सवारी करती है, तो कभी काली बनकर असूरों का नाश करती हैं। दुर्गा पूजा और नवरात्रि में उस शक्ति का हमारे आस-पास होने का अहसास करवाती है। जो हर मुश्किल पल में संबल से भर देती है, कभी महसूस किया है? जब आप देवी के आंखों में आंखें डालकर देखें, तो एक दिल भेदने वाली शक्ति का अनुभव होता है। जैसे कोई ऊर्जा का आदान-प्रदान हो रहा है।
 
बचपन की यादों में जाऊं तो अपने बालपन में अपनी मां में ही देवी का रूप दिखता था। वो बड़ी सी लाल बिंदी हर वक्त नज़र रखने वाली तेज नज़रें, प्यार और अपनेपन से खाने का हर निवाला, सुरक्षा का ऐसा कवच जो पूरी तरह से अभेद है। समय के साथ ये अहसास हुआ कि हर वो औरत देवी का रूप है, जो बिना डरे संघर्षों का सामना करे। जो करूणा और प्रेम ओत-प्रोत हो, जो अपने आत्मसम्मान के लिए निडर, अडिग खड़ी रहे, जो सती की तरह प्यार करे, अपने परिवार को सेवा, संबल और प्रेम दे, जो अपने दिल और सपनों को उड़ान दे। यानि देवी हर औरत में विद्यमान है। यही हमारे वेद-पुराण भी कहते हैं।
 
समय-समय पर लिखने, पढ़ने और भाषण देने में इन पंक्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसे जीवन में सही तरीके से उतारा नहीं जाता। नारी को किसी और से देवी की उपाधि मिले, ये सोच न होकर वो खुद इन गुणों में निहित है। इस विश्वास से इस नवरात्रि का आगाज़ करें।
 
जीवन में जैसे हर ऋतु का अपना महत्व है, वैसे ही नारी के जीवन में भी उसे कब संयम, प्रेम, तीखे शब्द और क्रोध का इस्तेमाल करना है यह जानना जरूरी है। नवरात्रि यानी नवरात्रि ऊर्जा का सतत् प्रवाह पूरे ब्रम्हांड में समाहित है। इसे अधिक से अधिक ग्रहण करने की कोशिश की जाए।
 
ऊर्जा के स्त्रोत से भरे ये 9 दिन सभी के जीवन में नवजीवन का संचार करे। ढेरो शुभकामनाएं।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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