MOTHER’S DAY EDITORIAL

हते हैं “माँ” शब्द में पूरी कायनात समाई है। हम सभी माँ के प्रेम, त्याग और समर्पण से भली भाँती परिचित हैं। अगर थोड़े गौर से सोचा जाए तो हम सब की माँ एक ही है; प्रकृति माँ, जो हमें जीवन भर हर वो चीज़ मुहैया करवाती है जो हमें अपने जीवन को अच्छे से जीने के लिए ज़रूरी है। बहुत सी चीज़ें तो ऐसी हैं जिनकी महत्ता का हमें अंदाजा भी नहीं था। इस कोरोना महामारी के पहले मसलन प्राण वायु (oxygen)। 
वैसे हर घर की धुरी उस घर की स्त्री होती है। वो सबका ख्याल रखती है और बदले में सिर्फ उसके द्वारा दी जा रही सेवा अपनेपन को समझने की कोशिश वो चाहती है। ठीक वैसे ही “प्रकृति माँ” भी बदले में सिर्फ उसके द्वारा दी गई नेमतों को समझकर, उन्हें संभाल कर रखने की उम्मीद करती हैं। 
कोरोना महामारी के बाद की दुनिया यकीनन पहले जैसी नहीं होगी। इस महामारी ने ये भी एक सीख दी है कि जो हमारे पास है पहले हम उसे सुरक्षित करें। प्रकृति माँ ने खुले हाथों से हम मानव जाति पर वरदानों की वर्षा की है। हमें सिर्फ उनका ख़्याल रखना है वो भी अपने खुद के लिए। 
आज मदर्स डे है। हम सभी अपनी – अपनी माँ को इससे ख़ूबसूरत तोहफा क्या दे सकते हैं कि अब से हम उनके साथ-साथ प्रकृति माँ का भी उतना ही ख़्याल रखेंगे। माँ जो भावनाएं हम पर न्योछावर करती हैं उसका ना कोई मोल है ना हम चाह कर भी उतना उन्हें लौटा सकते हैं। लेकिन एक सच्ची कोशिश भी काफी है। प्रण ले कि आज से हम सच्ची नीयत से प्राकृतिक संसाधनों की अपार संपदा को संरक्षित कर और सुदृढ़ करेंगे जो हमें और बेहतर जीवन का उपहार देगी। 
हर माँ के लिए आज “Mother’s Day” पर यह प्रण ले कि अपनी माँ की तरह हम प्रकृति माँ की भी देखभाल करेंगे।
Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *