2025 की पहली सुबह मेरी लिए उम्मीद, रौशनी और खुशियों का अहसास लेकर आई। मुझे इस बात का सुकून रहा कि कई चुनौतियों, मुश्किलों और कठिन समय को भी हम सब ने मिलकर पार किया और आज फिर से एक नई शुरूआत कर रहे हैं।
साल 2024 ऐसा साल रहा हमनें मिलकर अपनी सरकार चुनी, अपने लोकतंत्र को मजबूती दी। एक दौर था जब कश्मीर में चुनाव मुश्किल सा लगता था लेकिन मतदान कर खुशी से अपना अधिकार दिखाते कश्मीरी युवा, महिलाएं और नागरिकों को देखकर मुझे संतुष्टि हुई कि जिस बदलाव की बात हम करते थे उसे आज देख पा रहे हैं।
हमने T-20 वर्ल्ड कप जीता, ओलंपिक और पैरालंपिक में झंडे गाड़े. शतरंज की बादशाहत हासिल की। यही नहीं जब कोंडागांव की हेमवती नाग को कराटे के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला तो मुझे इस बात की तसल्ली हुई की दूरस्थ अंचल तक विकास की पहुंच मजबूत हुई। ये सिर्फ अब सरकारी जुमला नहीं है हकीकत है। इंडियाज गॉट टैलेंट में जब अबूझमाड़ के बच्चों ने छत्तीसगढ़ का परचम लहराया तो उनकी चमक से पूरा देश चमक उठा।
आर्थिक नीतियों ने तो हमें दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया ही साथ ही सरकारी नीतियों की बदौलत आज सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप वाले देश के रूप में हमारी पहचान बनीं। भारत के लिए 2024 एक चुनौतीपूर्ण साल था, जहां वैश्विक आर्थिक मंदी और घरेलू मुद्दों के बावजूद देश ने अपने विकास की गति को बनाए रखा। भारत की अर्थव्यवस्था ने कई सुधारों के साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया, और कई वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति मजबूत की। डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों ने रोजगार के नए अवसर पैदा किए और उत्पादन की दर में वृद्धि की।
इन सबके इतर छत्तीसगढ़ की तरफ देखें तो लगता है सिर्फ 25 साल का हमारा छत्तीसगढ़ विकास की नई इबारत लिख रहा है। कभी नक्सली हिंसा से जूझ रहे बस्तर के आदिवासी आज स्वास्थ्य, शिक्षा और बेहतर जीवन का हक पा रहे हैं।
राज्य ने अपनी कृषि नीतियों को और मजबूत किया, खासकर धान खरीदी, सहकारी समितियों के मॉडल और महिला सशक्तिकरण की दिशा में। छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति और पहचान को प्रमोट करने में भी सरकार ने अपनी भूमिका निभाई। पर्यटन और कुटीर उद्योगों की ने भी एक नए छत्तीसगढ़ की पहचान स्थापित की।
छत्तीसगढ़ में बुनियादी ढांचे का और विकास हो सकता है, जिससे राज्य में उद्योग और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण के क्षेत्र में नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है जिसके लिए सरकार प्रयासरत् है। भारत के लिए, 2025 में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच अपने स्थान को और मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, भारत को अपनी कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों में नवीनतम प्रौद्योगिकियों का समावेश करना होगा।
इन सभी बातों के साथ मैं तो 2025 की संभावनाओं को तलाशने और चुनौतियों का डटकर सामना करने के लिए तैयार हूं। ताकि एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के भविष्य की मैं भी एक मजबूत नींव बन सकूं।
आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं।