

मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स (Ministry of Commerce) 19 जुलाई को बताया कि- स्पेशल इकोनॉमी जोन (सेज) में घर से काम करने यानी कि वर्क फ्रॉम होम (Work from home) की अनुमति मिलेगी। ऐसे कर्मचारी अधिकतम एक साल तक वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं। और इसे कुल कर्मचारियों के 50% तक लागू किया जा सकेगा।
कॉमर्स डिपार्टमेंट ने स्पेशल इकोनॉमी जोन नियम, 2006 में घर से काम के लिए नया नियम 43A को जारी कर नोटिफाई किया है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ने कहा कि उद्योग से मांग के आधार पर यह अधिसूचना जारी की गई है। उद्योगों ने सभी सेज के लिए समान रूप से वर्क फ्रॉम होम नीति लागू करने की मांग को की थी।
50% कर्मचारियों मिल सकेगा वर्क फ्रॉम होम
नया नियम यह कहता है कि सेज इकाई में काम करने वाली कुछ श्रेणी के कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति होगी। इन कर्मचारियों में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और उससे जुड़े क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारी आते हैं। वे कर्मचारी भी इसके दायरे में आएंगे, जो अस्थायी रूप से काम पर नहीं आ सकते हैं। मंत्रालय के अनुसार, घर से काम करने की सुविधा कुल कर्मचारियों में से सिर्फ 50 फीसदी को ही दी जा सकती है।
डेवलपमेंट कमिश्नर पर देंगे वर्क फ्रॉम होम का विशेष अधिकार
50% से अधिक कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने का अधिकार सेज के डेवलपमेंट कमिश्नर उपयुक्त को होगा वे कारण के आधार पर वर्क फ्रॉम होम दे सकेंगे। मंत्रालय ने कहा है कि- घर से काम करने को अब अधिकतम एक साल के लिए अनुमति दी जा रही है। हालांकि, डेवलपमेंट कमिश्नर के पास इसे एक बार में एक साल की अवधि के लिए बढ़ा सकने का भी अधिकार होगा।
क्या है सेज?
स्पेशल इकोनॉमी जोन (सेज) वह क्षेत्र है जिसमें एक ही कैंपस के अंदर ऑटो पार्ट्स के तमाम व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जाती है या सुविधा होती है। इसमें उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जमीन, पानी, बिजली सहित तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करावाई जाती है। टैक्स में पहले पांच साल के लिए छूट मिलती थी। उसके बाद मात्र आधा टैक्स लगता है। देश में पहले सेज की स्थापना 1965 में कांडला में की गई थी।