Highlights:
- UPI एक उपयोगी डिजिटल सेवा
- RBI ने की थी कुछ ट्रांजेक्शन्स पर शुल्क की सिफारिश
- UPI के जरिये पेमेंट करने पर कोई शुल्क नहीं
UPI PAYMENT: ऑनलाइन पेमेंट आज हर किसी की जरूरत है। हर छोटी से छोटी दुकान पर QR पेमेंट अब आदत सी बन गई है। लेकिन RBI ने कुछ ट्रांजेक्शन्स पर शुल्क की सिफारिश की थी। लेकिन वित्त मंत्रालय ने 21 अगस्त को कहा कि ‘यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस’ (UPI) लोगों के लिए एक उपयोगी डिजिटल सेवा है और इस पर शुल्क लगाने का सरकार फिलहाल कोई विचार नहीं कर रही है।
मंत्रालय का यह बयान पेमेंट सिस्टम में शुल्क पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के चर्चा पत्र आया। जिसमें RBI के सुझाव में कहा गया है कि UPI पेमेंट पर अलग-अलग अमाउंट वर्ग में शुल्क चार्ज किया जा सकता है। पर वित्त मंत्रालय के जारी बयान में यह कहा गया है कि, यूपीआई (UPI) के जरिये पेमेंट करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट के जरिए कहा, ‘‘यूपीआई (UPI) लोगों के लिए एक उपयोगी सेवा है, जिससे लोगों को काफी सुविधा मिलती है। इससे अर्थव्यवस्था की उत्पादकता बढ़ती है। UPI सेवाओं के लिए सरकार कोई शुल्क लगाने पर विचार नहीं कर रही। लागत की वसूली के लिए सर्विस प्रोवाइडर की चिंताएं दूसरे माध्यमों से पूरी करनी चाहिए।
’’ वित्त मंत्रालय ने अगले ट्वीट में कहा कि सरकार ने पिछले साल डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है और इस साल भी डिजिटल पेमेंट को अपनाने और किफायती बनाने और उपयोगकर्ता के अनुकूल भुगतान प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए इसकी घोषणा कर दी है।“
छह अरब UPI ट्रांजेक्शन ऐतिहासिक
कुछ दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के जरिये जुलाई महीने में रिकॉर्ड छह अरब ट्रांजेक्शन को ऐतिहासिक उपलब्धि कहा था। उन्होंने कहा कि यह नई तकनीकों को अपनाने और अर्थव्यवस्था को ‘स्वच्छ’ बनाने के लोगों के सामूहिक संकल्प को दिखाता है। मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ट्वीट के जवाब में यह बात कही थी। सीतारमण ने मीडिया रिपोर्ट ‘टैग’ करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘‘UPI के जरिये जुलाई में रिकॉर्ड छह अरब लेन-देन हुए। यह 2016 से अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।’’