मनी लॉन्ड्रिंग को खत्म करने की दिशा में बढ़ रहा भारत, जानें क्या है स्विस बैंक के साथ भारत की डील



भारत को स्विस बैंक अकाउंट डिटेल्स का चौथा मिल चुका है। ऐनुअल ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन (AEOI) के अंतर्गत तहत स्विटजरलैंड ने 101 देशों के साथ लगभग 34 लाख फाइनेंशियल अकाउंट की जानकारी साझा की है। भारत को AEOI के तहत स्विटजरलैंड से पहला ब्योरा सितंबर 2019 में मिल गया था।

क्या होगा फायदा ?

भारत के स्विस बैंक की शेयर की गई डिटेल्स सैकड़ों फाइनेंशियल अकाउंट से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराएगा। इनमें मल्टीपल अकाउंट की जानकारी भी शामिल हैं। यहां से मिले डेटा का उपयोग टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे गलत कामों की जांच में होगा। भारत के साथ डील का यह एक्सचेंज पिछले महीने हुआ था और इन्फॉर्मेशन का अगला सेट स्विटजरलैंड सितंबर 2023 साझा करेगा।

अकाउंट बैलेंस से लेकर सबकुछ

डेटा प्रोटेक्शन और गोपनीयता पर भारत में आवश्यक लीगल फ्रेमवर्क की समीक्षा के साथ ही एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्विटजरलैंड ने भारत के साथ AEOI के लिए सहमति दी थी। एक्सचेंज की गई डिटेल्स में नाम, पता, निवास का देश और टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर के साथ-साथ अकाउंट बैलेंस और कैपिटल इनकम से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां मौजूद है।

एक्सपर्ट की मानें तो, भारत को मिला AEOI डेटा उन लोगों के खिलाफ एक मजबूत केस तैयार करेगा, जिनके पास बेहिसाब धन है। डेटा में डिपॉजिट और ट्रांसफर के साथ-साथ सभी कमाई की पूरी जानकारी शामिल होती है। इनमें सिक्योरिटीज और दूसरे एसेट में निवेश शामिल होते हैं।

स्विस अकाउंट

स्विटजरलैंड में सभी बैंक स्विस फेडरल बैंकिंग एक्ट के गोपनीयता कानून के सेक्शन 47 के तहत बैंक अकाउंट खोलने का हक रखते हैं। अगर कोई व्यक्ति स्विटजरलैंड में किसी भी तरह का अपराधी नहीं है तो बैंक उसकी कोई भी जानकारी नहीं देता है। हालांकि साल 2017 में विश्व समुदाय के दबाव के बाद कानून में ढील दी मिली है और जानकारी विशेष परिस्थितियों में साझा की जाने लगी है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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