‘बीमा सुगम’ से मिलेगी UPI जैसी सुविधा, खास डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो रहा है काम



इंश्योरेंस सुरक्षा देता है। यही वजह है कि आज हर कोई इंश्योरेंस को लेकर जागरूक हो चुका है। लेकिन क्या हो जब इंश्योरेस के क्षेत्र में ब्रोकर, एजेंसी जैसी तमाम बीच वाले कामों से मुक्ति मिल जाए और काम सीधे-सीधे दो पक्षों के बीच ही निपट जाए। असल में ऐसा ही होने जा रहा है। दरअसल बीमा सुगम के जरिए इंश्योरेंस सेक्टर में कुछ नए बदलाव होने जा रहे हैं जिसका फायदा लोगों को मिलेगा।

खास डिजिटल प्लेटफॉर्म बीमा सुगम पर काम कर रहा है इरडा

बीमा नियामक इरडा एक खास डिजिटल प्लेटफॉर्म बीमा सुगम पर इन दिनों काम कर रहा है। जहां इंश्योरेंस पॉलिसी तो खरीदी जा सकेगी साथ ही दूसरी अन्य सुविधाओं का लाभ भी उठाया जा सकेगा। इससे बीमा एजेंट या ब्रोकरों की भूमिका खत्म होगी। वहीं इंश्योरेंस खरीदना-बेचना भी बेहद आसान हो जाएगा।

बता दें इरडा के इस कदम से एजेंट कमीशन के तौर पर बीमा कंपनियों का खर्च तो कम होगा साथ ही इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की लागत भी कम होगी।

बीमा सुगम का कांसेप्ट ही सभी इंश्योरेंस कंपनियों, ग्राहकों, ब्रोकर एसोसिएशन आदि को एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना है। इस पर लोग न सिर्फ एक ही जगह ऑनलाइन लाइफ, हेल्थ और मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को ले सकेंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर क्लेम का लाभ ले सकेंगे।

बीमा सुगम पोर्टल के फायदे

  • घटेगी इंश्योरेंस की लागत

कॉस्ट बेनिफिट इसका सबसे बड़ा फायदा है। यानी कि इंश्योरेंस की लागत कम होगी। फिलहाल इंश्योरेंस ब्रोकर 30-40% कमीशन का लाभ उठाते हैं, बीमा सुगम के साथ ब्रोकर सिर्फ 5-8% कमीशन ही लेंगे। जिससे प्रीमियम की राशि में 
बड़ी गिरावट आएगी।

  • आसानी से होगा पॉलिसी का चयन

इस प्लेटफॉर्म के जरिए सभी कंपनियों की पॉलिसी एक ही जगह पर मिलेगी। इसकी मदद से पसंद की पॉलिसी को चुन सकेंगे। साथ ही किसी भी भ्रामक पॉलिसी को खरीदने के लिए ब्रोकर के सुझाव से भी बच जाएंगे।

  • क्लेम के लिए नहीं करनी होगी भागदौड़

बीमा सुगम की मदद से सिर्फ पॉलिसी नंबर के जरिए पेपरलेस क्लेम सेटलमेंट करने की सुविधा होगी। साथ ही ग्राहक के पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम करने तक पूरी डिजिटल जर्नी की जानकारी भी मिलेगी।

  • 4 शिकायतों से ही होगा काम

बीमा सुगम पोर्टल का इस्तेमाल पॉलिसी धारकों के अलावा एजेंट, वेब एग्रीगेटर और दूसरे इंश्योरेंस मीडिएटर भी करने में सक्षम होंगे। जिसकी वजह से बीमा कंपनियां पॉलिसी धारक की शिकायतों का निपटारा कम समय में ही कर पाएंगे। इसके अलावा ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं भी मिलेंगी।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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