भारत के गुजरात का धोलावीरा अपनी
5000 हजार पुरानी सभ्यता के जाना जाता है।
हड़प्पा सभ्यता का यह स्थल अब विश्व विरासत की सूची में शामिल हो गया है।
धोलावीरा गुजरात के कच्छ के खडीर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। इसके पहले
तेलंगाना का रामप्पा मंदिर को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया
था। धोलावीरा के विश्व विरासत में शामिल होने के बाद भारत में अब 40 वर्ल्ड
हेरीटेज साइट हो गए हैं।
विकसित सभ्यता में शामिल है ‘धोलावीरा’
भारतीय पुरातत्व विभाग ने वर्ष
1967-68 में धोलावीरा की खोज की थी। यह हड़प्पा काल के 5 सबसे बड़े प्रमुख स्थलों
में से एक है। पुरातत्वेत्ताओं का मानना है कि यह शहर लगभग 1500 सालों था। इस
प्राचीन सभ्यता की कई विशेषताएं हैं जैसे- जल प्रबंधन, कई स्तर वाली रक्षा
व्यवस्था, निर्माण में मजबूती के लिए पत्थरों का उपयोग साथ ही शवों को दफन करने की
खास संरचनाएं। इसके अलावा कला के क्षेत्र में भी धोलावीरा के लोग काफी रचनात्मक और
उन्नत थे।
वर्ष 2014 में भारत में 10 स्थल
विश्व विरासत की सूची में शामिल हुए थे। अब रामप्पा मंदिर और धोलावीरा के विश्व
विरासत की सूची में शामिल होना भारत के लिए गर्व की बात है।