UGC भारतीय छात्रों के भविष्य के लिए अभूतपूर्व कदम उठाने जा रही है। जिसके तहत भारतीय यूनिवर्सिटीज के साथ सहयोग के लिए कम से कम 49 विदेशी यूनिवर्सिटीज टाइ-अप करेंगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के प्रमुख एम जगदीश कुमार ने इसकी जानकारी साझा की है। कुमार ने कहा – ‘UGC एक्टिवली इन सभी यूनिवर्सिटीज के साथ संपर्क साध रही है। इनमें से कुछ यूनिवर्सिटीज MoUs तैयार करने की प्रक्रिया कर रहे हैं। यूनिवर्सिटीज बॉडीज के अंदर चर्चा और मंजूरी का काम भी चल रहा है। ऐसे में हमें उन्हें इन मामलों पर काम करने का समय देना होगा।
मई में ही भारतीय हायर एजुकेशन रेगुलेटर यूजीसी ने भारतीय और विदेशी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन को साथ काम करने की मंजूरी दी थी। यूजीसी द्वारा ये मंजूरी तीन तरह की डिग्री प्रोग्राम्स के लिए दी जा रही है। जिनमें ड्यूल, ज्वाइंट और ट्विनिंग डिग्रियां हैं।
ड्यूल डिग्री:
इसके तहत दोनों ही कॉलेज एक ही सब्जेक्ट में छात्र को डिग्री दे सकेंगे।
ज्वाइंट डिग्री:
दोनों इंस्टीट्यूट्स में दो अलग-अलग सब्जेक्ट में एक साथ डिग्री छात्र को मिलेगी।
ट्विनिंग डिग्री:
इसके तहत मिलने वाली डिग्री में ज्यादातर हिस्सा विदेश में पूरा होगा।
छात्रों को मिलेगा लाभ
यूजीसी ने 230 भारतीय और 1 हजार 256 विदेशी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के साथ काम करने के लिए उनकी पहचान की है, जो इन सहयोग के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को फुल-फिल करते हैं। यूजीसी के इस कदम से स्टूडेंट्स को भारत में रहते हुए भी दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज से शिक्षा हासिल करने का मौका मिल सकेगा। इससे उन्हें करियर फायदा होगा ही, साथ ही कम पैसों में विदेशी डिग्री हासिल कर भी होगी।
भारतीय यूनिवर्सिटीज के साथ काम कर रही हैं ये विदेशी यूनिवर्सिटीज
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी
सिडनी यूनिवर्सिटी
मेलबर्न यूनिवर्सिटी
हाइडलबर्ग यूनिवर्सिटी
न्यूकासल यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया)
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी
क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन
इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (शिकागो)
पेरिस-1 यूनिवर्सिटी
कारागंडा यूनिवर्सिटी (कजाकिस्तान)
यूनिवर्सिटी मलाया (मलेशिया)
लोड्ज यूनिवर्सिटी (पोलैंड)
हाफिया यूनिवर्सिटी (इजरायल)