सामान निकला खराब? शिकायत करें इन 3 जगहों पर, तुरंत मिलेगा हल!

आज के समय में जब ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदारी का चलन बढ़ गया है, तो उपभोक्ताओं को कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जब खरीदा गया सामान खराब निकल आता है। दुकानदार या विक्रेता इसे वापस लेने में आनाकानी करते हैं या फिर रिप्लेसमेंट देने से मना कर देते हैं। ऐसे में क्या किया जाए? घबराएं नहीं! उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई ऐसे प्लेटफार्म उपलब्ध हैं, जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और दुकानदार को उचित सजा दिला सकते हैं। आइए जानते हैं इन प्लेटफार्म के बारे में विस्तार से।

ग्राहक अधिकारों की सुरक्षा

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के अनुसार, यदि कोई दुकानदार झूठे विज्ञापन, घटिया उत्पाद, कम मात्रा या खराब सेवाओं के जरिए उपभोक्ताओं को ठगता है, तो इसके लिए सख्त कानून बनाए गए हैं। इस कानून के तहत दुकानदार को जेल या जुर्माना भी हो सकता है। हालांकि, इसके लिए उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा और सही मंच पर अपनी शिकायत दर्ज करनी होगी।

ग्राहकों के पास छह मौलिक अधिकार

  • सुरक्षा का अधिकार: उत्पादों की सुरक्षा और उपभोक्ता की सेहत की रक्षा।
  • सूचना का अधिकार: उत्पाद की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता और मूल्य की जानकारी लेने का अधिकार।
  • चयन का अधिकार: मनचाहे उत्पाद का चयन करने की स्वतंत्रता।
  • सुनवाई का अधिकार: समस्या के समाधान के लिए शिकायत दर्ज कराने का अधिकार।
  • निवारण का अधिकार: यदि उत्पाद खराब है, तो विक्रेता के खिलाफ मुआवजा पाने का अधिकार।
  • जागरूकता का अधिकार: अपने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का अधिकार।

खराब सामान की शिकायत कैसे करें?

यदि आप किसी खराब उत्पाद या सेवा का शिकार हुए हैं, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। आपकी शिकायत सुनने और उसका समाधान देने के लिए तीन स्तर की अदालतें बनाई गई हैं—जिला, राज्य और केंद्रीय स्तर के उपभोक्ता आयोग।

शिकायत के लिए किन प्लेटफार्म का करें उपयोग

  • जिला आयोग: अगर आपकी समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर नहीं हो रहा है, तो आप सबसे पहले जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • राज्य आयोग: यदि जिला स्तर पर भी समाधान नहीं मिलता, तो 30 दिनों के भीतर राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील कर सकते हैं।
  • राष्ट्रीय आयोग: यदि राज्य आयोग से भी न्याय नहीं मिलता, तो एक महीने के भीतर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यहां ऑनलाइन शिकायत और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

ये हैं शिकायत दर्ज करने के प्रमुख प्लेटफार्म और प्रक्रिया

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH)

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का टोल-फ्री नंबर 1915 है। आप इस नंबर पर 17 भाषाओं में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यहां से शिकायत संबंधित विभाग को भेजी जाती है और त्वरित समाधान प्रदान किया जाता है।

ई-दाखिल प्लेटफार्म

यह प्लेटफार्म आपको ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है। जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आप यहां से अपनी शिकायत कर सकते हैं। इस प्लेटफार्म पर शिकायत दर्ज करना बेहद आसान है और इसके जरिए आप अपनी शिकायत की स्थिति भी देख सकते हैं।

ई-जागृति प्लेटफार्म

ई-जागृति प्लेटफार्म उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए बनाया गया है। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी मिलती है। साथ ही, अगर आपको अपनी शिकायत की स्थिति का पता लगाना है, तो आप इस प्लेटफार्म का उपयोग कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • शिकायत दर्ज करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपके पास खरीदे गए सामान का पक्का बिल हो। बिल के बिना शिकायत का समाधान मुश्किल हो सकता है।
  • शिकायत पत्र में दोनों पक्षों के नाम, पते, खरीदे गए उत्पाद की पूरी जानकारी और समस्या का विवरण स्पष्ट रूप से लिखें।
  • उपभोक्ता आयोग में शिकायत करते समय तय समयसीमा का ध्यान रखना जरूरी है। जिला आयोग में समाधान नहीं मिलने पर 30 दिनों के भीतर राज्य आयोग में अपील की जा सकती है।

दुकानदार को सामान वापस लेना जरूरी?

अगर खरीदे गए सामान में कोई खामी है, तो दुकानदार को वह सामान वापस लेना या बदलना ही होगा। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के अनुसार, ऐसा न करने पर दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। उपभोक्ता शिकायत दर्ज करवा सकता है और उचित मुआवजा भी प्राप्त कर सकता है।

जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार

जागरूक उपभोक्ता ही अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है। अगर आप भी कभी ठगी के शिकार हो जाते हैं, तो बिना देरी किए उपभोक्ता आयोग या हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं। समय रहते की गई कार्रवाई से ही आप अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं और दुकानदार को उसके गलत व्यवहार का उचित सबक सिखा सकते हैं।

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Rishita Diwan

Content Writer

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