Vertical Factory: छत्तीसगढ़ वन और खनीज संपदा के क्षेत्र में पहले से संपन्न राज्य है। अब यहां नई-नई छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां भी लग रही हैं। इस विकास को और रफ्तार देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने “वर्टिकल फैक्ट्री” बनाने की योजना बनाई है। इससे छोटे उद्योगों को फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। आइए हम आपको बताते हैं वर्टिकल फैक्ट्री क्या होती है और कैसे यह उद्योगों को बढ़ावा देगी।
क्या होती है ‘वर्टिकल फैक्ट्री’?
वर्टिकल फैक्ट्री बड़े-बड़े अपार्टमेंट्स में लगने वाली फैक्ट्रीस को कहते हैं। छोटे उद्योगों को लगाने के हिसाब से मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स तैयार की जाती है। इन अपार्टमेंट्स के हर फ्लोर पर छोटी फैक्ट्रियां होती है। अब तक यह कॉन्सेप्ट दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में था। क्योंकी वहां हर छोटी फ्रैक्ट्री के लिए जगह दे पाना मुमकिन नहीं हो पाता है।
छत्तीसगढ़ में क्यों है जरूरत?
छत्तीसगढ़ में भी अब रायपुर और दुर्ग जिले में छोटी इंडस्ट्रीज के लिए जगह नहीं बची है। यहां पर 5 हजार से 10 हजार स्क्वैयर फीट में लगने वाली वाले छोटे उद्योग शुरु नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए सरकार ने अब यहां वर्टिकल फ्रैक्ट्री या फ्लैट पॉइंट फ्रैक्ट्री लगाने की परियोजना तैयार की है। इससे उन सभी उद्योगों को जगह मिल जाएगी जो अब तक जगह नहीं मिलने की वजह से रुके हुए हैं।
भिलाई और अभनपुर से होगी शुरुआत
इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में भिलाई और अभनपुर से शुरुआत की जाएगी। दोनों जगह 100-100 अपार्टमेंटेस वाली वर्टिकल फैक्ट्री बनाई जाएगी। जहां पर 200 उद्योग लगाए जा सकेंगे। अभनपुर में मध्यप्रदेश के समय पुरानी फर्नीचर फैक्ट्री थी जो अभी बंद पड़ी है। अभनपुर में इसी जगह को डेवलप करके वर्टिकल फैक्ट्री लगाई जाएगी।
इसी तरह भिलाई में एग्रीकल्चर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हुआ करती थी। जहां बाद में स्टील के फर्नीचर की फैक्ट्री लगाई गई थी। अभी भी वहां टूटी फूटी बिल्डिंग खड़ी हुई है। अब उद्योग विभाग पुराने स्ट्रक्चर को पूरी तरह से तोड़कर वहीं पर वर्टिकल फैक्ट्री बनाएगी।