Unified Pension Scheme: भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम के लागू होने से अब सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलने की गारंटी होगी। लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों की मांग थी कि नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) को वापस लें और पुरानी पेंशन प्रणाली को फिर से लागू किया जाए। सरकार ने मौजूदा NPS और पुरानी पेंशन स्कीम को मर्ज करके नई पेंशन स्कीम ‘यूनिफाइड पेंशन स्किम’ को लागू किया है।
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम?
UPS केंद्र के द्वारा लागू की गई नई पेंशन योजना है जिसके तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन की गारंटी मिलेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन आधार पर यूनिफाइनड पेंशन स्कीम को समझाया-
1.निश्चित पेंशन: रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को एक तयशुदा पेंशन मिलेगी, जो उनके रिटायरमेंट के पहले 12 महीनों के औसत वेतन का 50% होगी। इसका लाभ वही ले सकेंगे जिन्होंने कम से कम 25 साल सरकारी कर्मचारी के तौर पर सेवा दी है।
2.निश्चित न्यूनतम पेंशन: यूनिफाइड पेंशन स्कीम में 10 साल सेवा देने वाले कर्मचारियों के रिटायरमेंट के लिए भी प्लान है। 10 सेवा देकर रिटायर होने पर भी कम से कम 10 हजार रुपए मासिक पेंशन की सुविधा दी जाएगी।
3.निश्चित पारिवारिक पेंशन: UPS के तहत, अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को उसके मूल वेतन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।
4.महंगाई के अनुसार समायोजन: पेंशन की राशि महंगाई के अनुसार बढ़ाई जाएगी, जिसके लिए ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का उपयोग किया जाएगा।
5.ग्रेच्युटी: कर्मचारी को उसके नौकरी के आखिरी 6 महीनों की सैलरी और भत्तों का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा, जो उसके अंतिम मूल वेतन का 1/10वां हिस्सा होगा।
NPS ने ली थी OPS की जगह
भारत में पेंशन नीतियों में सुधार के लिए, केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को लागू किया, जिसने पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की जगह ले ली। OPS के तहत, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था। हालांकि, OPS में कोई स्थायी निधि नहीं थी, जिससे यह योजना लंबे समय तक नहीं टिक सकी।
UPS के फायदे
UPS के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों को इस बाद का भी अधिकार दिया जाएगा कि वे NPS में बने रहेंगे या UPS में शामिल होंगे। UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू कर दिया जाएगा। वहीं 2004 से 31 मार्च 2025 तक रिटायर हुए ऐसे कर्मचारी जो NPS के तहत रिटायर हुए हैं वो भी UPS के सभी प्रावधानों का लाभ ले सकते हैं।
UPS और OPS में अंतर
UPS और NPS के बीच मुख्य अंतर यह है कि UPS में कर्मचारियों को निश्चित पेंशन की गारंटी दी गई है। जबकि पुरानी पेंशन स्कीम के अनुसार कर्मचारियों के रिटायरमेंट के वक्त के वेतन की आधी रकम बतौर पेंशन दी जाती थी। UPS को लागू करने के पहले साल में सरकारी खजाने पर करीब 6,250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पुरानी पेंशन योजना में 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी दी जाती थी, और रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी। इस योजना में कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती किए बिना, सरकार पूरी पेंशन की जिम्मेदारी उठाती थी।