छत्तीसगढ़ में गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण, तैयार हो रहा मॉडल



छत्तीसगढ़ में पहली बार ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाया जा रहा है। जिससे ग्रामीण आत्मनिर्भर बनकर जीवन स्तर में सुधार कर सके। महासमुंद जिले के सभी पांच ब्लॉक में 2-2 या कुल दस ग्रामीण औद्योगिक पार्क का निर्माण किया जा रहा है।

31 मार्च तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन औद्योगिक पार्कों के माध्यम से गांव की महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। विभिन्न व्यवसायों की स्थापना की तैयारी भी शुरू हो गई है।

दिया जाएगा इन कामों को प्रशिक्षण

3 एकड़ में बनने वाले ग्रामीण औद्योगिक पार्क में ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इन औद्योगिक पार्कों के निर्माण में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत आएगी। यहां हैंड वॉश, साबुन, अगरबत्ती, मिनी राइस मिल, फिनाइल, मुरमुरा पापड़, नूडल्स, चप्पल निर्माण, तेलघनी, हर्बल गुलाल, दोना-पत्तल इकाई, दाल मिल, मशाला उद्योग, मशरूम उत्पादन, तेल पिराई मिल जैसे अन्य रोजगार मूलक उपक्रम स्थापित किया जा रहा है।

एक अप्रैल को होगा शुभारंभ

जिला पंचायत के सीईओ एस आलोक ने बताया कि अभी सिर्फ ग्रामीण औद्योगिक पार्क पर फोकस है। काम लगभग पूरा हो चुका है। इसकी सुभारम 1 अप्रैल से होगी। लोकल लेवल पर रोजगार गतिविधि को बढ़ाने का प्रयास है। प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन स्थाई स्तर पर होगा। यहां महिला स्व सहायता समूह भी काफी सक्रिय है।

ये गोठान बनेंगे इंडस्ट्रियल पार्क

महासमुंद जिले के सरायपाली विकासखंड में ग्राम सिपुर, भूथिया, बसना विकासखंड में ग्राम नवागांव, चिमरकेल, पिथौरा विकासखंड में ग्राम गोड़बहाल व बगारपाली, महासमुंद विकासखंड में ग्राम बिरकोनी व कांपा, बागबाहरा विकासखंड में ग्राम तितलादार व मोंगरापाली के गोठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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