Swachhta Didi Chhattisgarh: स्वच्छता दीदी बदल रही हैं गांवों की तस्वीर!

Swachhta Didi Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के ग्राम राखी की महिलाएं आज सिर्फ सफाई नहीं कर रहीं, बल्कि प्लास्टिक कचरे से कमाई भी कर रही हैं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत, यहां प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट की शुरुआत हुई है, जो पर्यावरण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण दोनों की दिशा में एक बड़ी पहल बन चुकी है।

प्लास्टिक कचरा बना कमाई का साधन

इस यूनिट में स्वच्छता दीदी आस-पास के गांवों से प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करती हैं। फिर “माँ जय लक्ष्मी स्व-सहायता समूह” की महिलाएं इस कचरे की छंटाई करती हैं। इसके बाद इसे बेलिंग मशीन के जरिए बंडल किया जाता है और रिसाइक्लिंग कंपनियों को बेचा जाता है।

आय भी, स्वच्छता भी

इस पूरी प्रक्रिया से गांवों में सफाई बनी रहती है और साथ ही महिलाओं को आय का साधन भी मिलता है। ये दीदी आज स्वावलंबन का प्रतीक बन गई हैं, न सिर्फ अपने परिवार की मदद कर रही हैं, बल्कि समाज में अपनी पहचान भी बना रही हैं।

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने इस पहल पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह मॉडल स्वच्छता और सतत विकास दोनों लक्ष्यों को एक साथ पूरा कर रहा है। जिला पंचायत सीईओ टेकचंद अग्रवाल ने बताया कि अब जिले के हर ब्लॉक में एक-एक यूनिट की स्थापना हो चुकी है और यह काम लगातार आगे बढ़ रहा है।

“स्वच्छता से स्वावलंबन” की ओर

यह पहल केवल एक कचरा प्रबंधन योजना नहीं है, बल्कि एक सोशल ट्रांसफॉर्मेशन है। गांव की महिलाएं अब सिर्फ झाड़ू उठाने वाली नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। यही है असली बदलाव — स्वच्छता से स्वावलंबन तक का सफर।

बेमेतरा मॉडल

बेमेतरा जिले की यह कोशिश अब “बेमेतरा मॉडल” के रूप में उभर रही है, जिसे दूसरे जिलों में भी अपनाया जा सकता है। यह सिर्फ पर्यावरण बचाने की नहीं, बल्कि गांव और महिलाओं की जिंदगी संवारने की कहानी है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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