ISRO और Microsoft के करार से स्पेस टेक स्टार्टअप्स को मिलेगी तेजी, जानें क्या होंगे बदलाव और क्या होगा फायदा!



भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने भारत में स्पेस टैक्नोकलॉजी स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए करार किया है। इस करार के जरिए दोनों संस्थान देशभर में टैक्नो लॉजी टूल्स् और प्लेटफॉर्म्सए के साथ स्पे स टेक स्टार्टअप्सो को मजबूत करेंगे। वहीं उन्हें बाजार सपोर्ट पाने और विस्ताटर करने के लिए मेन्टॉिरशिप तथा एंटरप्राइज रेडी बनने में मदद मिलेगी।

भारतीय बाजार की क्षमता होगी मजबूत

इसरो और माइक्रोसॉफ्ट की यह साझेदारी भारत में सर्वाधिक संभावनाशील स्पेलस टेक इनोवेटर्स और उद्यमियों की बाजार क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए इसरो के दृष्टिकोण को और मजबूती देने का काम करेगी। इस सहयोग के चलते इसरो द्वारा चिह्नित स्पेस टेक स्टार्टअप्स को माइक्रोसॉफ्ट फॉर स्टार्टअप्स फाउंडर्स हब प्लेटफॉर्म से जोड़ने का काम किया जाएगा। यह स्टार्टअप्स को उनकी यात्रा के हर चरण में आइडिया से लेकर यूनिकॉर्न बनने तक में मददगार है।

करार से मिलेंगे कई लाभ

• स्पेमस टैक स्टा र्टअप्स को एआई, मशीन लर्निंग डीप लर्निंग से डेटा के विश्लेंषण और प्रोसेसिंग में लाभ

• स्टार्टअप्स प्रौद्योगिकी की ताकत के साथ देश की अंतरिक्ष क्षमताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका

• भारतीय अर्थव्यसवस्थाद को मिलेगा फायदा

• संस्थापकों के पास आवश्य्कतानुसार स्टालर्टअप-केंद्रित प्रशिक्षण सामग्री के लिए माइक्रोसॉफ्ट लर्न तक पहुंच संभावित ग्राहकों के साथ संबंध बनाने में मदद के लिए प्रोग्राम उपलब्ध् होंगे

• संस्थापकों को मार्केट में उतरने की रणनीतियों, तकनीकी सहायता और माइक्रोसॉफ्ट चैनलों तथा मार्केटप्लेकस के माध्यम से अपने समाधान बेचने के अवसरों का समर्थन करेगी

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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