RBI Report: बैंक में अपनी मेहनत की कमाई जमा करना हर किसी की प्राथमिकता होती है, लेकिन अक्सर लोगों के दिमाग में ये डर रहता है कि अगर बैंक बंद हो गया या दिवालिया हो गया तो उनकी जमा पूँजी सुरक्षित रहेगी या नहीं। इसी चिंता को दूर करने के लिए Reserve Bank of India (RBI) ने 2025 में फिर पुष्टि की है कि देश के तीन बड़े बैंक- State Bank of India (SBI), HDFC Bank और ICICI Bank को “घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक” (Domestic Systemically Important Banks – D-SIBs) की सूची में शामिल किया गया है।
इस लेख में हम जानेंगे कि D-SIBs क्या होते हैं, क्यों इन बैंकों को सुरक्षित माना जाता है, और अगर आप अपने पैसे जमा करना चाहते हैं तो किन बातों का ध्यान रखें।
D-SIB क्या है?
बैंकिंग सिस्टम का मजबूत आधार
घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक” (D-SIBs) उन बैंकों को कहा जाता है जो अपने आकार, कार्यक्षेत्र, कस्टमर बेस, एवं अन्य बैंकों/वित्तीय संस्थानों से जुड़ाव की वजह से देश की बैंकिंग प्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
अगर कोई D-SIB बैंक फेल हो जाए, तो न सिर्फ वह बैंक प्रभावित होगा, बल्कि पूरे बैंकिंग तंत्र और देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।
इसलिए, RBI इन बैंकों से अतिरिक्त पूँजी (capital buffers) रखने को कहता है, ताकि किसी संकट की स्थिति में ये बैंक स्थिर रहे। 2025 के अपडेट के अनुसार, SBI, HDFC और ICICI को यह अतिरिक्त पूँजी बनाए रखने का निर्देश जारी हुआ है।
इस कारण से, ये बैंक बड़ी विश्वसनीयता और स्थिरता के साथ काम करते हैं — इसलिए इन्हें “सबसे सुरक्षित” बैंक माना जाता है।
सुरक्षा का दूसरा स्तर
अगर किसी बैंक में जमा पैसे करने वाले ग्राहकों की सुरक्षा की बात करें, तो Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। DICGC भारत के सभी कमर्शियल बैंकों (Commercial Banks), चाहे वो पब्लिक हो या प्राइवेट, को अपने दायरे में लेता है।
यदि बैंक बंद हो जाए या उसकी लाइसेंस रद्द हो जाए, तो DICGC हर जमाकर्ता (depositor) को ₹ 5,00,000 (पाँच लाख रुपये तक) तक की गारंटी देता है। चाहे वह बचत खाता हो, फिक्स्ड डिपॉज़िट हो या अन्य जमा हो।
यानी, यदि आपकी कुल जमा राशि 5 लाख रुपये या उससे कम है, तो वह पूरी सुरक्षित मानी जाएगी। वहीं, अगर जमा राशि 5 लाख से अधिक है, तो 5 लाख तक की राशि बीमा के तहत कवर होगी। इस व्यवस्था से आप मानसिक रूप से निश्चिंत रह सकते हैं, कि आपकी प्राथमिक बचत सुरक्षित हाथों में है।
क्यों भरोसेमंद हैं SBI, HDFC और ICICI
कुछ प्रमुख वजहें जिनकी वजह से ये बैंक सुरक्षित माने जाते हैं,
ये बैंक आकार (size), शाखाओं की संख्या (branch network), ग्राहकों की संख्या और लेन-देन की मात्रा में बहुत बड़े हैं। इस वजह से इन्हें “too big to fail” माना जाता है। RBI की निगरानी में इन बैंकों को अतिरिक्त शेयर पूँजी (capital buffers) बनाए रखने होते हैं, जिससे आर्थिक संकट या वित्तीय झटकों की स्थिति में वे मजबूत बने रहते हैं।
- DICGC द्वारा बीमा कवरेज
- ₹5 लाख तक हर जमा की सुरक्षा
जमाकर्ताओं के लिए अतिरिक्त भरोसा प्रदान करता है।
इसलिए, अगर आप अपनी बचत के साथ “सुरक्षा + स्थिरता” चाहते हैं, तो इन बैंकों में अपना बैंक खाता या फिक्स्ड डिपॉज़िट खोलना समझदारी है।
₹ 5 लाख से ज़्यादा जमा हो तो क्या करें?
चूंकि DICGC का बीमा कवरेज अधिकतम ₹ 5 लाख तक सीमित है, इसलिए यदि आपकी जमा राशि इससे अधिक है, तो कुछ सुझाव हैं-
- अपनी निवेश राशि को कई बैंकों में बाँट दें, ताकि हर बैंक में 5 लाख से कम जमा रहे।
- फिक्स्ड डिपॉज़िट, बचत खाते, और अन्य जमा खातों को देखें
- कुल जमा 5 लाख से अधिक हो रहा हो तो सावधानी बरतें
जमा को SBI, HDFC, ICICI जैसे डी-एसआईबी बैंकों के साथ बाँटने से भरोसे के साथ बचत बढ़ाएँ।
Positive सार
RBI द्वारा 2025 में दोबारा पुष्टि की गई है कि SBI, HDFC Bank और ICICI Bank भारत के सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय बैंक हैं। अपने बड़े आकार, पूँजी संरचना, शाखा-नेटवर्क और ग्राहक-आधार की वजह से इन बैंकिंग संस्थानों को “प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण” माना गया है। साथ ही, DICGC का ₹ 5 लाख तक का जमा बीमा कवरेज जमा करने वालों को एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच देता है।
यदि आप सुरक्षित बचत, स्थिर बैंकिंग और भरोसेमंद भविष्य चाहते हैं। तो इन बैंकों में खाता खोलना समझदारी भरा विकल्प है।

