Mann Ki Baat: कहां मिलता है कार्थुम्बी छाता? प्रधानमंत्री ने क्यों किया जिक्र?

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद एक बार फिर से ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम से लोगों से बात की। उन्होंने बातचीत के दौरान एक बार फिर से वोकल फॉर लोकल की बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में बनने वाले एक खास छाते कर्थुम्बी छाता (Karthumbi Umbrella) का जिक्र किया। जानते हैं क्यों खास है ये छाता और भारत में कहां होता है इसका निर्माण?

पहले जानते हैं प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में कारथुंबी  छाता का जिक्र करते हुए कहा- ‘देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून तेजी से अपना रंग फैला रही है। बारिश के इस मौसम में सबके घर में जिस चीज की खोज होने लगी है वो है ‘छाता’। ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) में आज मैं आपको एक खास तरह के छातों के बारे में बता रहा हूं। ये छाते हमारे केरल में बनते हैं। इसका नाम है ‘कार्थुम्बी छाते’।

कहां बनता है कार्थुम्बी छाता?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) में जिस छाते ‘कार्थुम्बी छाते का जिक्र किया है वो केरला के अट्टापडी में तैयार किया जाता है। ये रंग-बिरंगे छाते बहुत ही सुंदर होते हैं। इनकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसे केरल में आदिवासी महिलाएं बनाती हैं। देशभर में इन छातों की काफी डिमांड है। इनकी ऑनलाइन बिक्री काफी होती है। ‘कार्थुम्बी छाते को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में तैयार करवाया जाता है। महिलाओं की लीडरशिप में अट्टापडी के आदिवासी समुदाय ने Entrepreneurship की अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की है।

आदिवासियों की कला का उदाहरण

प्रधानमंत्री ने मन की बात में ये भी कहा कि ‘इस सोसाइटी का नेतृत्व हमारी नारीशक्ति के हाथों में है। महिलाओं के नेतृत्व में अट्टापडी के आदिवासी समुदाय ने Entrepreneurship की नई परिभाषा गढ़ी है। इस सोसाइटी ने एक बैंबू-हैंडीक्राफ्ट यूनिट को भी बनाया है। अब ये लोग एक रिटेल आउटलेट और एक पारंपरिक कैफे की शुरूआत भी करने वाले हैं। इनका उद्देश्य है अपने छाते और अन्य उत्पादों के माध्यम से बाजार में अपनी एक नई पहचान बनाना और वैश्विक स्तर पर अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति से दुनिया में एक अलग छाप छोड़ना।

ऑनलाइन खरीद सकते हैं कार्थुम्बी छाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात (Mann Ki Baat) में कहा कि ‘आज कार्थुम्बी छाते केरला के एक छोटे से गांव से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों तक पहुंच रहे हैं। लोकल के लिए वोकल होने का इससे बेहतरीन उदाहरण और क्या हो सकता है। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि अगर आप कार्थुम्बी छाता खरीदना चाहते हैं तो आप www.tribesindia.com पर इसे मंगा सकते हैं। ये छाते 350 रुपए से शुरू होते हैं। अगर आप रंगीन छाता खरीदना चाहते तो इसकी कीमत 360 रुपए तक है वहीं प्रिंटेड छाते की कीमत 370 रुपए और फ्रिल वाले छातों की कीमत 390 है।

READ MORE गन्ने के वेस्ट से कप बनाकर खड़ा किया लाखों का बिजनेस!

Positive सार

मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस ‘कार्थुम्बी छाते का जिक्र वो बेशक भारतीय संस्कृति का अभिन्न रंग तो हैं ही साथ ही आदिवासी महिलाओं को सशक्त करती हुई एक राह भी है। ऐसे में अगर आप भी वोकल फॉर लोकल से जुड़ना चाहते हैं तो ‘कार्थुम्बी छाते जरूर खरीदें।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *