‘Make in India’: बीते एक दशक में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक मजबूत आर्थिक बदलाव का प्रतीक बन गया है। इसका असर अब साफ नजर आ रहा है। खासतौर पर इंजीनियरिंग निर्यात में आई 60% की जबरदस्त बढ़त के रूप में। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की हालिया घोषणा ने देश की मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल ग्रोथ को नई ऊर्जा दी है।
2014 से अब तक
2014 में ‘मेक इन इंडिया’ पहल शुरू हुई थी, और तब से अब तक इंजीनियरिंग प्रॉडक्ट्स के निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उस विश्वास और क्षमता की झलक है, जो भारत ने दुनिया को दिखाया है।
गवर्नमेंट की नीति
इंजीनियरिंग निर्यात में यह उछाल ऐसे समय में आया है जब भारत का इंडस्ट्रियल सेक्टर लगातार मजबूत हो रहा है। अप्रैल 2025 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 2.7% की बढ़त दर्ज की गई, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की भूमिका सबसे अहम रही।
आर्थिक मजबूती का पिलर
अप्रैल में 3.4% की ग्रोथ के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने साबित किया कि भारत की ग्रोथ कहानी अब केवल सर्विस इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रही। बेसिक मेटल, मोटर व्हीकल्स और मशीनरी—ये तीनों सेक्टर इस ग्रोथ के लीडर रहे।
डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट दोनों मजबूत
मशीनरी और उपकरणों के निर्माण में 17% की ग्रोथ इस बात का संकेत है कि भारत अब ना सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी कर रहा है, बल्कि ग्लोबल डिमांड भी अट्रैक्ट कर रहा है। यह ग्रोथ स्थानीय इंडस्ट्री को बूस्ट करने के साथ-साथ जॉब क्रिएशन और आय में भी इजाफा कर रही है।
20.3% की रिकॉर्ड ग्रोथ
औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में काम आने वाले उपकरणों के प्रोडक्शन में 20.3% की तेजी बताती है कि भारत अब बड़े प्रोजेक्ट्स को हैंडल करने में सक्षम हो चुका है। ये ग्रोथ सिर्फ निर्माण की नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन की कहानी भी कहती है।
टिकाऊ प्रोडक्ट्स में 6.4% ग्रोथ
इलेक्ट्रॉनिक्स और होम एप्लायंसेज जैसे ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स की 6.4% ग्रोथ यह दिखाती है कि उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति और भरोसा, दोनों ही बढ़े हैं। इससे मैन्युफैक्चरिंग को नया पुश मिला है।
एक नया भारत
भारत के इंजीनियरिंग प्रॉडक्ट्स की ग्लोबल मार्केट में बढ़ती डिमांड इस बात का संकेत है कि अब ‘मेक इन इंडिया’ केवल भारत तक सीमित नहीं रहा। यह एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग ब्रांड बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।
Positive सार
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट में 60% की ग्रोथ इस बात का सबूत है कि भारत की नींव अब और मजबूत हो चुकी है। सरकार की नीतियां, इंडस्ट्री की मेहनत और मार्केट की डिमांड—इन तीनों ने मिलकर भारत को एक ग्लोबल सप्लाई पॉवरहाउस बना दिया है।