क्यों गिरते या बढ़ते है सोने के दाम और किन कारणों से कीमतें होती है प्रभावित



किन कारणों से बढ़ती-घटती हैं सोने की कीमतें?

कोरोना की वजह से क्यों आ रही है सोने के दाम में तेज़ी?

क्या दाम बढ़ने के बावजूद सोने में निवेश करने का यह सही समय है?

किन कारणों से बढ़ती-घटती हैं सोने की कीमतें?

हालाँकि शेयर बाजारों को प्रभावित करने वाले कारणों के बारे में बहुत लोग जानते हैं, लेकिन कई इन्वेस्टर्स इस बात से अनजान हैं कि सोने की कीमतें बढ़ने या गिरने का क्या कारण है। सामान्य तौर पर इन कारणों की वजह से सोने की कीमतों में बदलाव आते हैं :-


• डिमांड और सप्लाई

सोने के दाम में उतार-चढ़ाव की मुख्य वजहों में से एक है डिमांड और सप्लाई। तेल के विपरीत, सोने को इस्तेमाल करके ख़त्म नहीं किया जा सकता। जितना सोना आजतक ज़मीन से निकाला गया है, वो आज भी दुनिया में मौजूद है। लेकिन हर साल सोने का खनन बहुत कम मात्रा में होता है। इसी वजह से जब सोने की डिमांड बढ़ती है तो इसकी कीमत भी बढ़ती है क्योंकि सप्लाई डिमांड के मुक़ाबले कम होती है।


• महंगाई

महँगाई दर के बढ़ते ही करेंसी की वैल्यू घट जाती है। इसके अलावा ज़्यादातर निवेशों में रिटर्न्स महंगाई दर को मात नहीं दे पाते। इसीलिए इन्वेस्टर्स सोने में निवेश करने लग जाते हैं क्योंकि सोने के दामों पर करेंसी के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता।


• ब्याज दर

सोने की कीमतों का ब्याज दरों के साथ विपरीत संबंध है। जब ब्याज दरें गिरती हैं, तो लोगों को अपनी जमा राशि पर अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है। इसलिए, वे अपनी जमा राशि को निकाल कर सोने में निवेश करते हैं जिससे सोने की डिमांड और दाम दोनों बढ़ते हैं। दूसरी ओर, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो लोग अपने सोने को बेचते हैं और शेयर में निवेश करने लग जाते हैं।


• भारतीय ज्वेलरी बाज़ार

भारत में, सोने के आभूषण अधिकांश धार्मिक त्योहारों और शादियों के अभिन्न अंग हैं। इसीलिए, त्योहारों और शादी के मौसम के दौरान सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमत भी बढ़ जाती है।


किन कारणों से बढ़ती-घटती हैं सोने की कीमतें?

कोरोना की वजह से क्यों आ रही है सोने के दाम में तेज़ी?

सोने के दाम क्यों बढ़ रहे हैं? क्या ऐसा होना स्वाभाविक है या ऐसा सिर्फ़ कुछ समय के लिए ही है? ऐसे कई सवाल आप में से कई लोगों के मन में भी होंगे। इन सारे सवालों के जवाब आसान भाषा समझ लीजिए।


1) आर्थिक मंदी के कारण निवेशक सुरक्षित विकल्पों को तलाश रहें हैं

कोरोना की महामारी की वजह से दुनिया आर्थिक मंदी के दौर में प्रवेश कर चुकी है। ऐसे में ब्याज दरों में गिरावट आ गई है और कई निवेशक जोखिम भरी संपत्तियों से दूर जाने लगे हैं। इसी वजह से सोने में निवेश बढ़ रहा है।


2) सोने की खनन में कमी

लॉकडाउन की वजह से गोल्ड माइनिंग पर भी बुरा असर पड़ा जिससे डिमांड के मुताबिक़ सप्लाई में बढ़ोतरी नहीं हो पायी। इसी कारण सोने के दाम बढ़ रहे हैं।


3) अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी

भारत में सोने की कीमत इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत से प्रभावित होती है। पिछले कुछ हफ्तों में, कोरोनावायरस के मामलों की बढ़ती संख्या, यूएस-चीन तनाव और आर्थिक मंदी के कारण दुनिया भर में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

क्या सोने में निवेश करने का यह सही समय है?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में सोने के दाम धनतेरस और दिवाली में और ज़्यादा उछाल देखने को मिलेगी। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, सोने के दामों में तेज़ी बनी रहेगी।


तो क्या आपको इस समय दाम बढ़ने के बावजूद सोने में निवेश करना चाहिए? यह आपकी मार्केट की समझ पर निर्भर करता है। अगर आपको लगता है कि मार्केट को रिकवर होने में समय लगेगा और बिज़नेस को वापस गति पकड़ने में महीने लग सकते हैं, तो सोने में निवेश एक सही निर्णय होगा। लेकिन अगर आपको लगता है कि अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ेगी तो आपको निवेश के दूसरे रास्तों पर भी ध्यान देना चाहिए। इन सब में आपको निवेश से जुड़े जोखिमों का भी पूरा ध्यान रखना है। यह सुनिश्चित कर ले कि आप निवेश करने से पहले पूरी तस्वीर समझ लें।


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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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