

राजस्थान सरकार बारिश का पानी एकत्र कर खेती के लिए उपयोग करने के हिसाब से किसानों को प्लास्टिक फार्म पॉन्ड बनाने की योजना से जोड़ रही है। Plastic Farm pond scheme के अंतर्गत किसानों को ₹1,00,000 से अधिक की अनुदान राशि दी जा रही है। पहली बार गंगापुर सिटी एरिया में रेतीली जमीन पर प्लास्टिक लाइन फार्म पॉन्ड तैयार किया गया है, इसकी मदद से किसान बारिश का पानी जमा कर सकेंगे। साथ ही पानी जमीन में नहीं रिसेगा। यही नहीं बारिश में जल संरक्षण कर उसका उपयोग खेती या मछलीपालन के लिए किया जाएगा।
राजस्थान के इस रेतीले इलाके में फार्म पॉन्ड बनाना कृषि अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती थी। दरअसल गंगापुर सिटी कृषि विभाग के अधीन करीब 2 दर्जन गांव हैं जिनकी जमीन रेत से पटी है, पानी की कमी के कारण फसल की सिंचाई के लिए किसान बारिश के जल पर ही निर्भर हैं।
कृषि अधिकारियों ने रेतीली जमीन वाले किसानों की परेशानी को देखते हुए 2 साल पहले प्लास्टिक लाइन फार्म पॉन्ड की स्कीम की नींव रखी थी, तब किसानों को ये ज्यादा फायदेमंद नहीं लगी थी। लेकिन कृषि अधिकारियों की मेहनत ने इस कार्य को आसान किया।
कृषि विभाग के अधिकारी लगातार किसानों को प्लास्टिक फार्म पॉन्ड बनाने के लिए प्रेरित करते रहे। कुछ दिनों की कोशिश का नतीजा यह निकला कि सलेमपुर गांव में किसान रामसहाय ने सबसे पहले farm pond बनवाया। सहायक कृषि अधिकारी के मुताबिक इसके लिए 20 मीटर की लंबाई-चौड़ाई और 3 मीटर गहराई जरूरी है।
प्लास्टिक फार्म पॉन्ड की मदद से बारिश का पानी जमीन में नहीं जाता है, साथ ही इसके लिए विभाग की ओर से ₹1,00,000 से अधिक का अनुदान भी किसानों को दिया जाता है। Farm Pond योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कृषि विभाग में आवेदन करना होता है।
प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास 0.3 हेक्टेयर जमीन और खेत का नक्शा, ट्रेस तथा जन आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट का अपडेट होना चाहिए।
कृषि अधिकारी ने बताया कि प्लास्टिक फार्म पॉन्ड बनाने के लिए अधिकारियों के निर्देश में सितंबर-अक्टूबर माह में किसानों से संपर्क किया गया। किसानों का चयन कर लगातार उनसे संपर्क करते रहे। यही नहीं इस योजना के तहत राज्य सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से प्लास्टिक फार्म पॉन्ड में मछली पालन करने की अनुमति भी दी है।