
Indian Economy: साल 2022 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। दरअसल 2022 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पहली बार 3.5 dट्रिलियन डॉलर यानी 3.50 लाख करोड़ डॉलर (288 लाख करोड़ रुपए) पार कर चुका है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज की रिपोर्ट्स की मानें तो भारत अगले कुछ सालों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली जी-20 अर्थव्यवस्था साबित हो सकती है। इसके लिए कुछ सुधारों की बात भी रिपोर्ट्स के जरिए कही गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर वर्ल्ड बैंक ने भी कहा था, कि 2021 में भारतीय GDP 3.18 लाख करोड़ डॉलर यानी 263.50 लाख करोड़ रुपए की थी।
और क्या कहती है रिपोर्ट्स?
मूडीज ने एक रिसर्च रिपोर्ट के जरिए ये कहा है कि ब्यूरोक्रेसी विभिन्न लाइसेंस लेने और बिजनेस स्थापित करने की प्रक्रिया को थोड़ा धीरे कर सकती है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की तरफ से कहा गया है कि,g ‘निर्णय लेने में देरी की वजह से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की रफ्तार कम हो सकती है। खास तौर तब, जब एशिया-प्रशांत की दूसरी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं, मसलन इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ भारत प्रतिस्पर्धा में खड़ा है।’
तेजी से बढ़ा है शहरीकरण, सुविधाओं की तरफ बढ़ रहे भारत के शहर
मूडीज ने ये भी बताया है कि, भारत में बड़ी और पढ़ी लिखी वर्कफोर्स एक साथ काम कर रही है। ऐसे में छोटे परिवार भी बढ़ेंगे। इसके साथ ही तेज शहरीकरण से घर, सीमेंट और कार की डिमांड भी तेजी से बढ़ेगी। मूडीज के अनुसार भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च स्टील और सीमेंट सेक्टर्स के लिए सहायक साबित होगा। यही नहीं नेट-जीरो एमिशन हासिल करने की चाहत अक्षय ऊर्जा में निवेश को भी बढ़ावा दे रही है। इन सेक्टरों में भारत की क्षमता 2030 तक चीन से कम होगी।
GDP के बारे में…
GDP अर्थव्यवस्था की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दर्शाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर ऐसी विदेशी कंपनियों को शामिल किया जाता है जो प्रोडक्शन करती हैं। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम हो जाता है।