India UK trade deal: अब तक ब्रिटेन में भारत के कृषि, कपड़ा, चमड़ा, ज्वैलरी, दवाएं, खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर 8% से 70% तक शुल्क लगता था। लेकिन इस समझौते के बाद इन सभी पर अब शून्य शुल्क यानी Zero Duty लगेगा।
इसका मतलब है –
- सस्ता होगा भारतीय सामान
- बढ़ेगा एक्सपोर्ट
- किसानों और MSME को बढ़ेगा फायदा
किसानों को डबल फायदा
- अब बासमती चावल, सब्जियां, फल, चाय, मसाले, अचार, तैयार खाना जैसे कई प्रोडक्ट्स बिना टैक्स के ब्रिटेन पहुंचेंगे।
- इससे महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, बिहार, केरल और नॉर्थ ईस्ट के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
- ब्रिटेन सालाना 37.5 अरब डॉलर के फूड प्रोडक्ट्स मंगाता है, लेकिन भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 81 करोड़ डॉलर की है। अब यह आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है।
- मछुआरों के लिए सुनहरा मौका
- अब ब्रिटेन में भारत से समुद्री उत्पादों जैसे झींगा, मछली, स्क्विड आदि के निर्यात पर भी कोई शुल्क नहीं लगेगा।
- इससे आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, गुजरात जैसे तटीय राज्यों को बड़ा फायदा मिलेगा।
- ब्रिटेन अभी 5.4 अरब डॉलर के समुद्री उत्पाद मंगाता है, लेकिन भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 2.25% है।
MSMEs को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म
इस समझौते से भारत के छोटे और मझौले कारोबारियों को अब ब्रिटेन की सरकारी खरीद में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।
जैसे,
- इंजीनियरिंग गुड्स
- स्पोर्ट्स आइटम्स
- प्रोसेस्ड फूड्स
- लेदर-फुटवियर
- खिलौने
अब भारत का प्रोडक्ट पाकिस्तान, बांग्लादेश या कंबोडिया से सस्ता होगा। इसका सीधा फायदा हमारे MSME सेक्टर को मिलेगा।
कई सेक्टर को मिलेगी नई उड़ान
- भारत अभी ब्रिटेन को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर की ज्वैलरी एक्सपोर्ट करता है, जबकि ब्रिटेन हर साल 3 अरब डॉलर की ज्वैलरी मंगाता है।
- अब ड्यूटी खत्म होने से भारत का ज्वैलरी एक्सपोर्ट 2-3 साल में दोगुना हो सकता है।
- वहीं टेक्सटाइल सेक्टर, जो कि ब्रिटेन के 27 अरब डॉलर के मार्केट में है, उसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1.79 अरब डॉलर की है। अब इसमें भी बूस्ट मिलेगा।
नया एक्सपोर्ट हीरो
- ब्रिटेन हर साल करीब 50 अरब डॉलर का प्रोसेस्ड फूड आयात करता है।
- भारत की हिस्सेदारी फिलहाल 31 करोड़ डॉलर है। लेकिन ड्यूटी फ्री एक्सेस मिलने के बाद ये आंकड़ा तेजी से बढ़ेगा।
- इससे रेडी-टू-ईट फूड, स्नैक्स, मसालेदार अचार और भारतीय कुकिंग प्रोडक्ट्स को मिलेगा इंटरनेशनल मार्केट में बड़ा स्पेस।
भारत के लिए गेम चेंजर डील
यह समझौता न सिर्फ निर्यात को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की लोकल इकॉनमी, रोजगार, और ग्रामीण इनकम को भी मजबूत करेगा। किसानों से लेकर फैक्ट्री मालिकों तक, इस डील का असर कई सेक्टर्स में दिखेगा।