India 5 trillion economy: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में भरोसे से भरा संदेश दिया है, भारत अगले तीन वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने ये बात मर्चेंट्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MCCI) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कही, जिसका विषय था। भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर यात्रा, वैश्विक चुनौतियों के बीच मार्गदर्शन।
2027 तक तीसरी सबसे बड़ी इकॉनॉमी
पीयूष गोयल का कहना है कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वर्तमान में भारत टॉप 5 ग्लोबल इकॉनॉमी में शामिल हो चुका है। ये सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि हर भारतीय के आत्मविश्वास की जीत है।
सिर्फ आर्थिक नहीं, हर स्तर पर
गोयल ने ज़ोर देकर कहा कि यह ग्रोथ सिर्फ GDP तक सीमित नहीं है। यह विकास समावेशी (inclusive), टिकाऊ (sustainable) और ईमानदारी से संचालित (transparent) है। देश की नीति अब सिर्फ नंबर बढ़ाने की नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बेहतर करने की है।
मजबूत बैंकिंग और स्थिर अर्थव्यवस्था
- भारत की मैक्रोइकोनॉमिक फाउंडेशन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है।
- बैंकिंग सिस्टम भरोसेमंद है।
- क्रेडिट देने की क्षमता शानदार है।
- महंगाई दर घटकर 3% तक पहुंच गई है, जो ऐतिहासिक रूप से सबसे कम स्तरों में से एक है।
‘फ्रैजाइल फाइव’ से ‘फास्ट फाइव’ तक
एक समय था जब भारत को दुनिया की ‘फ्रैजाइल फाइव’ अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था। आज वही भारत टॉप 5 इकॉनॉमी में शामिल है। यह बदलाव सरकार, उद्योग जगत और 140 करोड़ भारतीयों की संयुक्त मेहनत और भरोसे से आया है।
सेवा, सुशासन और नवाचार
पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार का फोकस सेवा (Service), सुशासन (Good Governance) और नवाचार (Innovation) पर है। यही तीन स्तंभ भारत को न सिर्फ 5 ट्रिलियन डॉलर तक, बल्कि विकसित भारत 2047 की ओर ले जाएंगे।
MCCI की भूमिका और उद्योग का सहयोग
उन्होंने MCCI को ‘Mobilizing Commerce and Connecting Industries’ के नाम से सराहा और कहा कि ऐसी संस्थाएं सरकार और उद्योग के बीच मजबूत सेतु का काम करती हैं। MCCI जैसे संगठनों का योगदान इस आर्थिक ट्रांज़िशन में अहम रोल निभाता है।
“Great economies are not built in calm waters”
गोयल ने एक गहरी बात कही, “महान अर्थव्यवस्थाएं शांत पानी में नहीं, बल्कि उथल-पुथल भरे समुद्रों में बनती हैं।” यह वक्त भारत के लिए चुनौती भी है और मौका भी। अगर हमने मिलकर इसे साध लिया, तो दुनिया देखेगी एक नए भारत को।
अब पीछे मुड़कर देखने का वक्त नहीं
भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की यात्रा महज़ एक आकड़ा नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है। हर वर्ग, हर नागरिक, हर उद्यम और हर नीति का हिस्सा बनकर यह सपना हकीकत में बदलेगा।