

• अंतरर्राष्ट्रीय मंच पर भारत को मिली बड़ी सफलता
• ऑस्ट्रेलियाई संसद ने FTA को मंजूरी दे दी
• भारतीय इकोनॉमी के लिए साबित होगा मील का पत्थर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्यापारिक संबंधों को एक नई सफलता हासिल हुई है। जिसकी वजह से आने वाले समय में भारतीय इकोनॉमी के लिए मील का पत्थर भी साबित होगा। दरअसल ऑस्ट्रेलियाई संसद ने 22 दिसंबर को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को मंजूरी दी है। जिसके बाद दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा।
ऑस्ट्रेलियाई PM ने किया ट्वीट कर जानाकारी दी
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि, बड़ी खबर: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो चुका है। भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की जरूरत थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी प्रदान करता है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्विटर के माध्यम से कहा, ”खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित किया है।” उन्होंने यह भी लिखा है ”हमारी गहरी दोस्ती के चलते,
यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए एक प्लेटफार्म देगा। ”
केंद्रीय मंत्री गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार अपनी कार्यकारी परिषद से मंजूरी लेगी साथ ही मंत्रालय को यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरी झंडी लेनी होगी।
भारत को होगा फायदा
एफटीए लागू होने के बाद भारतीय इकोनॉमी को बूस्टर मिलेगा। इस समझौते के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच की सुविधा मिलेगी। समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश दे रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे भी हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात किया था। वहीं 16.75 अरब डॉलर का आयात भी किया था।