

साल 2023 में स्ट्रीट वेंडर्स जैसे छोटे उद्यमियों को सरकार आगे बढ़ाने का काम करेगी। दरअसल, यूनियन IT एंड टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने 7 जनवरी को कहा कि, सरकार साल 2023 में डिजिटल तकनीक की मदद से स्ट्रीट वेंडर्स को 3,000 से 5,000 रुपए तक की माइक्रो लोन फैसिलिटी देने पर काम करेगी। जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े।
डिजिटल इंडिया अवॉर्ड्स सेरेमनी के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर नागरिक को डिजिटल रूप से जोड़ने का काम किया है, इसके लिए सरकार ने देश के सभी हिस्सों तक 4G और 5G टेलीकम्युनिकेशन सर्विसेज पहुंचाने के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपए अलॉट की है। उन्होंने आगे बताया कि देश इस साल स्वदेशी रूप से डेवलप हुए 4G और 5G टेक्नोलॉजियों को लागू होते देखने वाला है।
माइक्रो क्रेडिट फैसिलिटी देने पर जोर
अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया कि, ‘2023 में स्ट्रीट वेंडर्स को 3,000 से 5,000 रुपए तक के छोटे लोन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इन छोटे कारोबारियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरल तरीके से माइक्रो क्रेडिट फैसिलिटी मुहैया करने पर सरकार खास ध्यान देगी। उन्होंने बताया कि टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुसार देश में बहुत जल्द एक इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की स्थापना भी होगी।
PM स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (SVANidhi) योजना की शुरूआत जून 2020 में हुई थी। जो माइक्रो क्रेडिट फैसिलिटी के रूप में काम करता है। इस योजना का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के चलते स्ट्रीट वेंडर्स को हुए नुकसान की भरपाई करना और उन्हें सशक्त बनाना है। सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2024 तक 42 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को इस योजना के तहत लाभ दिया जाए।