भ्रम फैलाने वाले विज्ञापनों के लिए सरकार उठा रही कदम, जानें क्या हैं सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की नई गाइडलाइन



सोशल मीडिया पर अब फेक और भ्रम फैलाने वाले विज्ञापनों पर सरकार नजर रखेगी। ताकि यूजर्स को किसी भी तरह का नुकसान न उठाना पड़े। दरअसल सरकार की तरफ से सोशल मडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। दरअसल केंद्र सरकार ने 27 जनवरी को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और सिलेब्रिटीज के लिए गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत वे उन्हीं प्रोडक्ट्स को एंडोर्स कर पाएंगे जिनका उन्होंने खुद उपयोग किया है। यानी कि इन्फ्लुएंसर्स हो या सिलेब्रिटीज वे किसी भी प्रोडक्ट्स को बढ़ा-चढ़ाकर कस्टमर्स को अंधेरे में नहीं रख सकते हैं।

उपभोक्ता मामले के मंत्रालय के अनुसार इस नियम का पालन नहीं करने पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत जुर्माना भरना पड़ेगा। नियम के अनुसार सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) मैन्युफैक्चरर्स, एडवर्टाइजर्स और एंडोर्सर्स पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। लगातार नियम का पालन नहीं करने पर 50 लाख तक जुर्माना भी देना होगा। वहीं विज्ञापन करने वाले को 6 साल तक किसी भी एंडोर्समेंट से रोक भी सकते हैं।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन

• विज्ञापन के प्रोडक्ट की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।

• इसके जरिए किसी भी प्रोडक्ट के बारे में गलत जानकारी देना या जानबूझकर कोई जानकारी छिपाई भी नहीं जा चाहिए।

• हर सेलिब्रिटी, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर को सोशल मीडिया अकाउंट पर यह बताना होगा की वे प्रचार के लिए पैसे लेते हैं या उनका कोई आर्थिक हित है।

• विज्ञापन वीडियो या लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान उन्हें पूरे वीडियो में उन्हें यह बात साफ-साफ लिखनी पड़ेगी।

• स्पष्ट रूप से डिस्कलेमर देना होगा।

• जिस भाषा में विज्ञापन होगा जानकारी भी उसी भाषा में देनी होगी।

• विज्ञापन, स्पॉन्सर, पेड प्रमोशन जैसी चीजें लिखनी होगी।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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