

देश में तेजी से सबकुछ बदल रहा है। व्यापार से लेकर खेती तक सभी चीजें आजकल नए और डिजिटलाइजेशन के दौर से गुजर रही हैं। जिसका लाभ भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मिल रहा है। भारतीय उद्यमी हो या किसान सभी वर्तमान कार्य प्रणाली से जुड़कर काम कर रहे हैं। इस बात को सच साबित करती है, किसानों का हाईटेक होना। दरअसल भारतीय किसान अब खेतों और मंडियों तक ही सीमित नहीं रहेंगे। अब किसान नए तकनीक का हिस्सा बनकर अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार में उतारने के लिए फ्लिपकार्ट की मदद लेंगे। भारत के किसान समुदायों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को अपने मंच के माध्यम से देश भर के बाजार तक पहुंच और आय बढ़ाने के उद्देश्य से फ्लिपकार्ट ने ‘फ्लिपकार्ट समर्थ कृषि’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इस कार्यक्रम की मदद से किसान सीधे चावल, दाल, आटा, बाजरा समेत करीब 100 वस्तुओं की बिक्री ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए फ्लिपकार्ट 10,000 किसानों को प्रशिक्षित भी कर रहा है।
कृषि के क्षेत्र को मिलेगा प्रोत्साहन
फ्लिपकार्ट का यह कार्यक्रम भारतीय किसानों को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार तेज गति से काम कर रही है। भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट इस पहल से किसानों की ऑनलाइन बाजार में पहुंच को आसान बना रहा है।
9 भारतीय राज्यों के कृषि विभाग की हिस्सेदारी
फ्लिपकार्ट इंडिया ने एफपीओ को अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर जोड़ने के लिए कई उद्योग और सरकारी निकायों के साथ भागीदारी के लिए पहल की है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्यों के कृषि विभाग शामिल होंगे। इन आपसी साझेदारियों के माध्यम से फ्लिपकार्ट इंडिया सीधे किसानों और एफपीओ से दालें, बाजरा तथा साबुत मसाले की आपूर्ति कराएगी। जिससे स्थानीय कृषि-अर्थव्यवस्था और पूरे भारत में हजारों किसानों की आजीविका को बढ़ावा मिलेगा।
10,000 किसानों को ट्रेनिंग
चावल, दालें, साबुत मसाले, आटा, बाजरा जैसी चीजों के लिए ऑनलाइन बाजार उपलब्ध करवाने वाला यह कार्यक्रम स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा। समर्थ कृषि कार्यक्रम का उद्देश्य 2023 के आखिरी तक आजीविका को बढ़ाकर और 2,500 एफपीओ के साथ जुड़कर कृषि क्षेत्र के डिजिटल परिवर्तन को और बेहतर करना है।