Chhattisgarh tunnel: छत्तीसगढ़ ने हाल ही में अपनी पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग (टनल) का उद्घाटन किया है, जो राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। यह 2.79 किलोमीटर लंबी टनल रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे (एनएच-130 सीडी) का हिस्सा है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसे केवल 12 महीनों में पूरा किया। इस परियोजना में अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक, भू-वैज्ञानिक अध्ययन और सटीक निर्माण कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिला।
आर्थिक गलियारे की रीढ़
Chhattisgarh tunnel
यह सुरंग छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारे में केंद्रीय भूमिका निभाएगी। जब यह ट्विन ट्यूब टनल पूरी तरह से चालू हो जाएगी, तो यात्रा का समय घटेगा और लॉजिस्टिक्स लागत में भी भारी कमी आएगी। इससे राज्य में निवेश, उद्योग और पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह टनल समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सड़क और परिवहन अधोसंरचना राज्य की प्रगति की रीढ़ है।
स्थानीय जनता और व्यवसाय को लाभ
- यात्रा समय और ईंधन की बचत, पहाड़ी और कठिन रास्तों से होकर लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता खत्म होगी।
- सड़क सुरक्षा में सुधार, भारी वाहनों का दबाव टनल मार्ग पर नियंत्रित रहेगा, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
- स्थानीय रोजगार, निर्माण और रखरखाव कार्य में हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
छत्तीसगढ़ का इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ता मुकाम
टनल निर्माण तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों से होकर किया गया, लेकिन इंजीनियरों और मजदूरों ने इसे समय से पहले पूरा कर दिखाया। यह साबित करता है कि छत्तीसगढ़ अब देश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर राज्यों की कतार में खड़ा है।
विकास और पर्यावरणीय दृष्टि
व्यापार और उद्योग को बढ़ावा, यह परियोजना “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बेहतर बनाएगी और रायपुर से विशाखापट्टनम बंदरगाह तक माल परिवहन में तेजी लाएगी। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील, सुरंग मार्गनियोजन ने प्राकृतिक क्षेत्र को न्यूनतम नुकसान पहुँचाया है।