8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों और रिटायर्ड पेंशनर्स के बीच इन दिनों सबसे चर्चित मुद्दा है, 8th Pay Commission कब आएगा? और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी? 7वें वेतन आयोग को लागू हुए अब लगभग एक दशक बीत चुका है, और अब लाखों पेंशनर्स को नई राहत की उम्मीद है।
क्या वाकई बढ़ेगी पेंशन?
हालांकि अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक एलान नहीं हुआ, लेकिन सूत्रों की मानें तो अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो पेंशन में करीब 30% से 34% तक की सीधी बढ़ोतरी संभव है। मतलब, रिटायर्ड लोगों की जेब हर महीने कुछ हजार रुपये ज्यादा भारी हो सकती है। लेकिन कैसे? जानिए पूरा गणित आगे…
पेंशन तय कैसे होती है?
सरकारी पेंशन आमतौर पर इन दो चीजों से तय होती है,
- रिटायरमेंट के वक्त की बेसिक सैलरी
- फिटमेंट फैक्टर
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर था 2.57. अब अटकलें लग रही हैं कि 8वें आयोग में यह 2.80 से 3.00 तक हो सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो हर पेंशनर की बेसिक पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी।
उदाहरण से समझिए फायदा
मान लीजिए, किसी रिटायर्ड व्यक्ति को अभी ₹10,000 की पेंशन मिल रही है-
वृद्धि प्रतिशत | नई पेंशन | मासिक फायदा |
30% बढ़ोतरी | ₹13,000 | ₹3,000 |
34% बढ़ोतरी | ₹13,400 | ₹3,400 |
यानी सालाना हिसाब से देखें तो ₹36,000 से ज्यादा का फायदा।
कब लागू हो सकता है?
सूत्रों के अनुसार, 1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू हो सकता है। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार, आयोग पहले रिपोर्ट पेश करता है, फिर सरकार मंजूरी देती है, और फिर जाकर लागू होता है। मतलब, अभी थोड़ा सब्र और जरूरी है।
बेसिक नहीं, DA से भी बढ़ेगी पेंशन
पेंशन बढ़ने का फायदा सिर्फ बेसिक तक सीमित नहीं रहेगा।
नई बेसिक पेंशन तय होने के बाद उस पर महंगाई भत्ता (DA) भी जुड़ता है, जिससे कुल पेंशन में और इजाफा हो जाएगा। यह भी संभव है कि,
- DA को बेसिक में मर्ज कर दिया जाए
- पुराने पेंशनर्स को एरियर का लाभ मिल
- इससे एकमुश्त बड़ी रकम भी पेंशनर्स के हाथ लग सकती है
पेंशनर्स के लिए अहम मौका?
देश में करोड़ों रिटायर्ड कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी पूरी आर्थिक निर्भरता पेंशन पर है। बढ़ती महंगाई और हेल्थ खर्चों के बीच अगर पेंशन में इजाफा होता है, तो-
- बुज़ुर्गों को सुरक्षा का एहसास होगा
- आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी
- और घरेलू खर्च आसान हो जाएगा
सिर्फ चर्चा, घोषणा नहीं
फिलहाल 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई सरकारी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। लेकिन चर्चाओं और उम्मीदों की गर्मी से साफ है कि केंद्र सरकार के अगले फैसले पर सभी की नजर टिकी है।