50% tariff impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ के फैसले ने भारत-अमेरिका ट्रेड रिलेशन में हलचल मचा दी है। एक तरफ भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट लगातार बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ निर्यातकों को आने वाले समय में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका को निर्यात का नया रिकॉर्ड
कॉमर्स डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई के बीच भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट 21% बढ़कर $33.5 अरब पहुंच गया। जबकि इसी दौरान भारत का कुल निर्यात केवल 3% बढ़कर $149.2 अरब रहा।
इसका मतलब यह है कि भारत के कुल एक्सपोर्ट का लगभग 22% हिस्सा सिर्फ अमेरिका को जा रहा है। यानी अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर बनता जा रहा है।
50% टैरिफ का डबल इफेक्ट
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर जो 50% टैरिफ लगाया है, उसमें शामिल हैं,
- 25% Reciprocal Tariff
- 25% Additional Tariff on Russian Oil Imports
- यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। इसका सीधा असर भारतीय एक्सपोर्टर्स और अमेरिकी खरीदारों पर दिखेगा।
निर्यातकों की रणनीति
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC) के अध्यक्ष सुधीर सेखरी के अनुसार, “हमने अमेरिकी खरीदारों से बातचीत की है। पुराने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए हम कुछ अतिरिक्त छूट देने पर विचार कर रहे हैं।” मतलब निर्यातक कम प्रॉफिट मार्जिन पर भी ट्रेड को बनाए रखना चाहते हैं ताकि लॉन्ग-टर्म रिलेशन खराब न हों।
मुनाफा छोड़ सकते हैं लेकिन घाटा नहीं
चमड़ा निर्यात परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जालान ने साफ कहा है कि, “हम 5-7% के छोटे मार्जिन पर काम करते हैं। 25% अतिरिक्त टैरिफ का बोझ छूट देकर कम करना संभव नहीं है। हम मुनाफा छोड़ सकते हैं, लेकिन नुकसान के साथ व्यापार नहीं कर सकते।”
यानी अगर 50% टैरिफ लंबे समय तक लागू रहा, तो लेदर इंडस्ट्री और स्मॉल एक्सपोर्टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अमेरिका-रूस वार्ता से उम्मीद
ट्रेड इंडस्ट्री को उम्मीद है कि अमेरिका और रूस की बातचीत से 25% अतिरिक्त टैरिफ पर राहत मिल सकती है। अगर यह टैक्स हटता है, तो भारत के एक्सपोर्टर्स को बड़ी राहत मिलेगी और उनका बिजनेस मॉडल बचा रहेगा।
मौके और मुश्किलें साथ-साथ
ट्रंप के टैरिफ ने भारत को एक तरफ Export Growth का मौका दिया है, तो दूसरी तरफ High Tariff Barriers की चुनौती भी खड़ी कर दी है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत-अमेरिका ट्रेड रिलेशन किस मोड़ पर जाते हैं।