- भारत बायोटेक के Nasal vaccine को DCGI की मंजूरी।
- बूस्टर डोज के तौर पर होगा इस्तेमाल।
- वैज्ञानिकों का दावा आम वैक्सीन के मुकाबले काफी असरदार।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक की नेज़ल वैक्सीन को ट्रायल की मंजूरी दे दी है। इस नेज़ल वैक्सीन का प्रयोग बूस्टर डोज के तौर पर किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए इसका ट्रायल 900 लोगों पर होगा। भारत बायोटेक ने 3 हफ्ते पहले डीसीजीआई की सब्जेक्ट कमेटी को ट्रायल के लिए डाटा भेजा था। ऐसा माना जा रहा है कि बढ़ते ओमिक्ऱॉन के मामलों के बीच यह नेज़ल वैक्सीन कारगर होगी।
क्या है नेज़ल वैक्सीन और किन लोगों पर होगा ट्रायल?
इस वैक्सीन को नाक से दी जाएगी। भारत बायोटेक अपने नेज़ल वैक्सीन BBV154 को पहले से वैक्सीनेटेड लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर देगा। भारत बायोटेक ने इसे बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया है। वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल उन लोगों पर किया जाएगा जिन्होंने पहले से कोविशील्ड या कोवैक्सीन ली है।
नेज़ल वैक्सीन को लेकर यह कहा जा रहा है कि यह आम वैक्सीन के मुकाबले काफी असरदार साबित होगा। डॉक्टरों की मानें तो वैक्सीन जब नाक से दी जाएगी, तो सबसे पहले नाक में ही एंटीबॉडीज बनेंगी। इस वैक्सीन की मदद से वायरस सांस के जरिए फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाएगी। और नतीजा यह होगा कि वायरस नेज़ल वैक्सीन लेने वालों के फेफड़ों तक नहीं पहुंचेगा।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या विश्वनाथन ने भी नेज़ल वैक्सीन के प्रयोग पर जोर दिया था। डॉ. सौम्या का कहना था- ‘इस नेज़ल वैक्सीन का यह फायदा होगा कि इसे लेने के लिए किसी भी तरह के लंबे प्रोसेस को फॉलो नहीं करना होगा। साथ ही इसका प्रयोग खुद से ही किया जा सकेगा। नेज़ल वैक्सीन से इंजेक्शन वाला दर्द भी नहीं होगा। भारत बायोटेक ने पहले यह घोषणा की थी कि उनके द्वारा निर्मित यह नेज़ल वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित और सहन करने योग्य है।
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