भारत की अध्यक्षता में 3 दिवसीय कृषि वैज्ञानिकों की बैठक वाराणसी में चली, इस बैठक में सदस्य देशों के प्रतिनिधि और आमंत्रित देशों और संगठनों के अलावा कृषि जगत से जुड़े दिग्गज भी शामिल हुए। जिसके अंतर्गत भारत ने बाजरा और दूसरी प्राचीन अनाज अंतर्राष्ट्रीय पहल यानि महर्षि का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। जानें क्यों खास है भारत के यह प्रस्ताव…
प्राचीन अनाज अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान पहल के बारे में
प्राचीन अनाज अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान पहल’ या जिसे महर्षि कहा गया है, का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के दौरान और उसके बाद पोषक अनाजों व अन्य प्राचीन अनाजों के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह कार्यक्रम अनुसंधान संबंधी सहयोग को आगे बढ़ाएगा।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी के सिंह (सेवानिवृत्त) ने इस बात कार्यक्रम के दौरान इस बात पर जोर दिया कि फसलों, बागवानी, पशुधन, मत्स्य पालन, मिट्टी और जल विशेषज्ञता/कृषि मशीनरी के क्षेत्र में विशेषज्ञता के साथ आईसीएआर संस्थानों और केवीके की अखिल भारतीय उपस्थिति और किसानों की पहुंच का उपयोग पौधों, जानवरों, मनुष्यों के साथ आईसीटी इंटरफेस प्रदान करने के लिए हो रहा है।
उन्होंने G20 देशों से टिकाऊ प्रथाओं के विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान देने की बात की। जो फसल उत्पादन प्रणालियों के विविधीकरण, जल संसाधनों और उर्वरकों के कुशल उपयोग, बागवानी प्रथाओं, मिट्टी, स्वास्थ्य प्रबंधन और बाद के कार्यों को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उभरती डिजिटल तकनीकों का उपयोग G20 देशों और दुनिया भर में खेती को आसान बनाने के लिए हो सकता है।
2023 अंतरर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित
भारत के लगातार प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में अपने 75वें सत्र के दौरान 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM 2023) के रूप में मनाने का संकल्प लिया है।
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष बाजरा के पोषण और स्वास्थ्य लाभों सहित प्रतिकूल और बदलती जलवायु परिस्थितियों में खेती के लिए उनकी उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रही है। साथ ही सीधे नीतिगत ध्यान देने के लिए भी इसे अवसर के रूप में देखा जा रहा है। उत्पादकों और उपभोक्ताओं के लिए नए स्थायी बाजार के अवसर प्रदान करने की उनकी क्षमता को उजागर करते हुए, यह वर्ष बाजरा के स्थायी उत्पादन को भी बढ़ावा दे रहा है।