दुनियाभर में भारतीयों की एक अलग पहचान है। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय स्किल का काफी नाम है। भारत के लोग कहीं भी रहें वे अपनी मेहनत और हुनर के दम पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे ही भारतीय लोगों की लिस्ट में प्रोफेसर बालकृष्णन का नाम भी शामिल हो गया है। दरअसल भारतीय मूल के प्रोफेसर हरि बालकृष्णन को साल 2023 के लिए कंप्यूटर साइंस के सबसे प्रतिष्ठित मार्कोनी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
प्रोफेसर हरि बालकृष्णन को इसी साल अक्टूबर में वाशिंगटन में एक समारोह के दौरान इस पुरस्कार को दिया जाएगा।
प्रो बालाकृष्णन के बारे में
प्रो हरि बालाकृष्णन का संबंध भारत से है। फिलहाल वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रोफेसर है। MIT में हरि बालाकृष्णन कंप्यूटर और AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जाने-माने प्रोफेसर है। उन्होंने IIT मद्रास से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद बर्कले स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की है।
कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में इनोवेशन के लिए मिल रहा है पुरस्कार
मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के भारतीय मूल के प्रोफेसर हरि बालकृष्णन को तार और बेतार वाले नेटवर्क, मोबाइल सेंसिंग और वितरण प्रणालियों से संबंधित अपनी मौलिक खोज के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। द मार्कोनी सोसायटी द्वारा हर साल उन इनोवेटर्स को यह पुरस्कार मिलता है, जिन्होंने उन्नत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से डिजिटल समावेशिता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई हो। बड़े स्तर पर समाज की समस्याओं के समाधान के लिए प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग संबंधी अनुसंधान पर ध्यान देते हुए बालकृष्णन के कार्य ने लाखों लोगों को सुरक्षा दी है। यही नहीं इंटरनेट एवं बेतार संचार को और अधिक प्रभावशाली व मजबूत बनाने में भी उनका योगदान है। यही वजह है कि उन्हें साल 2023 के लिए मार्कोनी पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।
मार्कोनी पुरस्कार ‘कम्युनिकेशन फील्ड का नोबेल’
मार्कोनी पुरस्कार कंप्यूटर साइंटिस्ट्स के लिए सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। इस पुरस्कार को कम्युनिकेशन फील्ड का नोबेल भी कहते हैं। यह पुरस्कार हर साल द मार्कोनी सोसायटी देती है। इस पुरस्कार से उन लोगों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में अच्छा काम किया है। मार्कोनी सोसायटी एक गैर-लाभकारी संस्था है जो सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव को सशक्त बनाकर डिजिटल रूप से समान समुदायों को आगे बढ़ाने के लिए काम करती है।