Millets Year 2023: हाल के दिनों में शुगर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियां काफी देखने को मिल रही है। भारत जैसे देश जहां खान-पान में भी कई विविधताएं हैं बावजूद इसके हम दुनिया के उन देशों की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं जहां ह्रदय रोग आम बात हो गई है। लेकिन मोटे अनाज इनसे लड़ने में हमारी मदद कर सकते हैं। अगर नियमित रूप से ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी जैसे मोटे अनाज का हम इस्तेमाल करें तो हृदय व पैनक्रियाज़ की सेहत को संभाला जा सकता है। शरीर को नुक़सान पहुंचाने वाली कई वस्तुओं को हमारे शरीर से बाहर निकालने में ये बहुत उपयोगी हैं। मोटे अनाज कई प्रकार के कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी साबित हुए हैं।
साल 2023 को ‘मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया गया है। दुनियाभर के 70 देशों ने इसे मनाने के लिए हामी भरी है। मिलेट ईयर (Millets Year 2023) को सेलीब्रेट करने के पीछे भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। दरअसल भारत के प्रस्ताव पर ही यूनाइटेड नेशन ने साल 2023 को मिलेट ईयर के रूप में मनाने की घोषणा की है। मोटा अनाज वर्ष मनाने के पीछे केंद्र सरकार की कोशिश है कि देश का हर राज्य अधिक से अधिक मोटा अनाज का उत्पादन और खपत करे।
बाजरा,ज्वार और रागी
बाजरा आयरन के गुणों से भरपूर होता है, इसे खाने से ख़ून की कमी दूर होती है। ज्वार हड्डियों के लिए अच्छी मात्रा में कैल्शियम, ख़ून के लिए फॉलिक एसिड के अलावा दूसरे जरूरी पोषक तत्वों को पूरा करता है। इसी तरह रागी एकमात्र ऐसा अनाज है जिससे कैल्शियम की कमी पूरी तरह से दूर होती है। जो लोग दूध नहीं लेते लेकिन इसका उपयोग करते हैं उनमें कैल्शियम की कमी नहीं होती। हालांकि सभी मोटे अनाज उतनी ही मात्रा में प्रोटीन देते हैं जितना कि गेहूं-चावल से प्राप्त होता है। यानी कि 100 ग्राम कोई भी मोटा अनाज खाएंगे तो 7-12 ग्राम तक का प्रोटीन हमें मिल जाएगा।
मक्का
मक्के का पीला रंग ही बताता है कि इसमें विटामिन-ए यानी भरपूर मात्रा में होता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा और आंखों को फायदा मिलता है। साथ ही बीमारियों से लड़ने की ताक़त भी मक्के के इस्तेमाल से मिलती है।
जौ
जौ बहुत सारे सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है। खासकर इसमें मैंगनीज़ और सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है। जिससे त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। मक्का ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है। साथ ही क्रोमियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, विटामिन-बी1 जिसे थायमिन कहते हैं और नायसिन का भी यह अच्छा सोर्स होता है।
मोटे अनाज के और भी कई फायदे
मोटे अनाज की खेती औरों की तुलना में काफी आसान होती है। इनके पौधों में सूखा सहन करने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है। जिसकी वजह से कम सिंचाई में भी ये बहुत अच्छा ग्रो करते हैं। फ़सल पकने की अवधि भी कम होती है। उर्वरक, खाद की न्यूनतम मांग के कारण लागत कम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत होती है। बंजर भूमि और विपरीत मौसम में भी मोटे अनाज उग जाते हैं।