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Cancer vaccine: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके पूर्णत: इलाज तक अब भी लोगों की पहुंच नहीं है। बीते कुछ सालों में दुनियाभर में कैंसर के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। दुनियाभर के इन आंकड़ों में भारत भी शामिल है। कई डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों की टीम इस बीमारी को जड़ से खत्म करने की दिशा में दिन-रात काम कर रहे हैं।
इस दिशा में काम कर रहे वैज्ञानिकों के हाथ अब बड़ी सफलता लगी है। उन्होंेने ब्रेन कैंसर की वैक्सीीन तैयार की है। यह वैक्सीेन सिर्फ ब्रेन कैंसर को सिर्फ ठीक ही नहीं करेगी बल्कि उसे होने से रोकने की दिशा में भी काम करेगी। इस दवाई का परीक्षण फिलहाल चूहों पर किया गया है। जिसके शुरूआती चरण में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस दवा ने ट्यूमर और कैंसर सेल्स को खत्म किया है साथ ही उन्हेंन बढ़ने से रोकने में भी वैक्सीइन काफी मददगार साबित हुई है।
कैसे करेगा काम?
वैज्ञानिकों के इस तरीके में जीवित कैंसर कोशिकाओं का उपयोग हुआ है। इन्हें ट्यूमर को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये वैक्सीन उन्हीं सेल्स को टारगेट करती है जिनसे ट्यूमर बनता है। कैंसर कोशिकाओं का एक खास तरह का नेचर होता हे। ये उन्हें इम्यूतन मॉलीक्यूोल के मुकाबले कैंसर खत्मल करने के लिए ज्या दा क्षमता देता है। अपनी इसी खूबी की वजह से इनका शरीर के अंदर ज्याीदा लंबी दूरी तय कर पाती हैं। ये कोशिकाएं उसी ट्यूमर तक जाती हैं जिनसे ये पैदा होती हैं।
वैज्ञानिकों ने किया है खास तकनीक का इस्तेमाल
CRISPR, जिसे CRISP-CAS9 के नाम से भी जाना जाता है। इसी तर्ज पर ब्रिघम और बॉस्टून में वुमेंस हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों ने एक टेक्नीक को डेवलप किया है। वैज्ञानिकों को जीवित कैंसर कोशिकाओं के अंदर प्रोटीन को बदलने में सफलता हासिल हुई है। कैंसर को खत्मो करने के लिए ये कोशिकाएं प्राइम ट्यूमर और दूसरे सेल्सस में बदल जाती हैं। इस तरह की प्रक्रिया में इम्यू न सिस्टिम शामिल होता है। यही वायरस के लिए वैक्सीबन की तरह चूहों में इम्यू न से जुड़ी मेमोरी के लिए जिम्मेदार बनता है।
सभी तरह के कैंसर में ब्रेन कैंसर में बचने की संभावना सबसे कम होती है। इसमें 10 फीसदी से भी कम अपनी जान बचा पाते हैं। कैंसर वैक्सीन में मिली सफलता निश्चित ही कैंसर रोगियों के साथ डॉक्टेरों के लिए भी काफी अच्छीे खबर है।