Green India: प्लास्टिक वेस्ट बन रही बेस्ट चीजें, पर्यावरण संरक्षण के लिए Marico Innovation ने उठाया महत्वपूर्ण कदम !

Green India: बढ़ते प्रदूषण, कम होते पेड़ और अंधाधुंध पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों का इस्तेमाल हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं। हममें से हर दूसरा आदमी अपनी सहूलियत के लिए ऐसी चीजों का इस्तेमाल करने लगा है जो पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से लड़ने के लिए देश और दुनिया भर के कई उद्यमी अपने अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं।

 
ऐसी ही एक कंपनी है मैरिको जिसने हाल ही में एक इनोवेशन फाउंडेशन की शुरूआत की है। जिसके अंतर्गत प्लास्टिक के वेस्ट का उपयोग कर उससे इंसानी जरूरत की कई चीजें बनाने वाले इन्नोवेटर्स की पहचान की गई है। इस तरह के इन्नोवेटर्स को मैरिको ने एक प्रोग्राम में सम्मानित किया है। मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन ने एक प्ले बुक को लॉन्च किया है जिसमें दुनिया भर में प्लास्टिक की बढ़ती चुनौतियों का समाधान करने के इन इन्नोवेटर्स के तरीके के बारे में बताया गया है।
 

दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है प्लास्टिक की समस्या

पिछले पांच सालों में भारत के अलावा दुनिया भर में प्लास्टिक के उपयोग में तेजी आई है। आंकड़ों के अनुसार भारत में साल 2016-17 के दौरान हर साल 13.7 मिलियन टन प्लस्टिक का इस्तेमाल होता था, जो साल 2019-20 में बढ़ कर 19.8
मिलियन टन पर पहुंच गया है। हर साल प्लास्टिक के इस्तेमाल में 9.7 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ोतरी हुई है।
 
आंकड़े यह भी कहते हैं कि भारत में हर साल 34 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जिसमें से केवल 30 प्रतिशत कचरे को ही री-साइकल होता है। बचा हुआ कचरा कूड़े के पहाड़ में पहुंच जाता है। जिन जगहों पर कचरे के लिए डंपिंग 
यार्ड नहीं है, वहां यह खेतों में फैल रहा है या नदियों और समुद्रों में बहा दिया जाता है। इसकी वजह से धरती बंजर हो रही है, नदियां प्रदूषित हो रही हैं और समुद्र भी प्लास्टिक के कचरे से बचा नहीं है। यही वजह है कि मछलियों के पेट में भी प्लास्टिक कचरा मिला है।
 

मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन की अनोखी पहल

मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन ने इस मौके पर 15 से ज्यादा इन्नोवेटर्स को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित भी किया है जिन्होंने अपने कामकाज के समय में 43369 टन कार्बन एमिशन को कम करने की बड़ी पहल पर काम किया है। ये इनोवेटर्स पिछले कुछ सालों से काम कर रहे हैं और दुनिया में प्लास्टिक कम करने की बड़ी जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड वेस्ट सेग्रीगेशन से लेकर इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट और प्लास्टिक की रिसाइकलिंग जैसे कामों को कर कुछ स्टार्टअप्स अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं।
 
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Dr. Kirti Sisodia

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