

खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें लाई जा रही हैं। खेती-किसानी में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को ड्रोन खरीदने पर अधिकतम 4 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है। ऐसा करने से लघु और सीमांत किसान भी खेती-किसानी में ड्रोन का उपयोग करने में सक्षम हो जाएंगे।
क्यों की जा रही है किसानों की मदद
बता दें कि देश में लघु और सीमांत किसानों की संख्या काफी ज्यादा है। इन किसानों के लिए कृषि मशीनरी खरीदना इतना आसान नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार किसानों की मदद के लिए सामने आई है। किसानों की ये मदद इसलिए की जा रही है ताकि खेती-किसानी में वह तकनीकी तौर पर पीछे ना रह जाएं।
40 प्रतिशत तक की सब्सिडी
कृषि मंत्रालय द्वारा सहकारी समिति किसानों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों को कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा ड्रोन की मूल लागत के 40% की दर या अधिकतम 4 लाख रुपयों तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
ड्रोन का उपयोग खेती के लिए कितनी फायदेमंद
किसी भी फसल में अचानक बीमारी आ जाने के कारण स्प्रे करना असंभव होता था लेकिन इस ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े एरिया में छिड़काव किया जा सकेगा। इससे दवा और समय दोनों की बचत होगी। पहले समय के अभाव में किसान दवा का छिड़काव नहीं कर पाते थे। जिससे फसलों में कीड़े लग जाते थे और फसलें बर्बाद होती थीं, मगर अब ड्रोन से एक बार में ज्यादा एकड़ में छिड़काव हो सकेगा।
समय के साथ-साथ पैसे की भी होगी बचत
इससे किसानों के समय की बचत होगी। साथ ही काफी हद तक खेती-किसानी के लागत में पहले के मुकाबले कमी आएगी। वहीं, फसल पर सही समय में छिड़काव और ड्रोन के माध्यम से उसपर नजर रखने से फसलों में किसी तरह की बीमारी भी नहीं लगेगी।