ड्रोन टेक पर टिका है डिलीवरी प्रोसेस का उज्जवल भविष्य, Drone Industry पर कंपनी और सरकार की नजर



ड्रोन तकनीक ने पिछले कुछ दिनों में काफी प्रोग्रेस किया है। ये भी कहा जा रहा है कि आने वाला कल भी ड्रोन तकनीक का है। जिसमें यह देखा जा रहा है कि तेजी से ड्रोन के माध्यम से जरूरी उत्पाद डिलीवर किया जा रहा है। इसका असर यह होगा कि आने वाले समय में ड्रोन चलाने वाले और ड्रोन मेकिंग कंपनियों को बहुत ही फायदा होने वाला है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भविष्य में ड्रोन एक बड़ा मार्केट का रूप ले सकता है।

आंकड़ों की मानें तो पूरी दुनिया में एक दिन में करीब 85 मिलियन पैकेज और डॉक्यूमेंट डिलीवर होते हैं। यह आंकड़ा वर्ल्ड इकोनामिक फोरम की तरफ से प्रस्तुत किया गया है।

कंज्यूमर और कंपनी सभी को ड्रोन से फायदा

लॉजिस्टिक कंपनियों को ड्रोन की मदद से उत्पाद को डिलीवरी करना काफी आसान हुआ है। ड्रोन की मदद से प्रोडक्ट कंज्यूमर के पास बहुत ही तेजी से पहुंचता है। यही वजह है कि कस्टमर अपनी उपभोग की वस्तुओं और सेवाओं को मिनटों में ही प्राप्त कर सकता है। वहीं ऊंचे-नीचे रास्तों पर भी ड्रोन की मदद से चीजें पहुंचाई जा रही है। ड्रोन के इस उपयोगिता की मदद से कंपनी के प्लेटफार्म पर संतुष्ट कस्टमर की संख्या बढ़ेती है। अपनी सुविधा को कंज्यूमर तक तेजी से पहुंचाने के साथ ही अपनी लागत और समय दोनों को कम करने का विकल्प भी ड्रोन देता है।

ड्रोन तकनीक और भारत

ड्रोन के भविष्य को देखते हुए भारत की सरकार ने वाणिज्य और इंडस्ट्रियल एरिया में ड्रोन के इस्तेमाल पर फोकस बढ़ाया है। जिसके लिए इंडिया ड्रोन लिबरलाइजेशन पॉलिसी 2021 को प्रस्तुत किया गया है। ड्रोन का कल्चर भारत में तेजी से बढ़े इसके लिए भारत सरकार ने ड्रोन से रिलेटेड स्टार्टअप शुरू करने वाली कंपनियों के लिए ड्रोन शक्ति प्रोग्राम को शुरू किया है। इसका उद्देश्य ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग और ड्रोन सर्विस को बढ़ाना है। इसके अलावा हाल में ही डिजिटल स्काई के नाम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शुरू हुआ है। भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के अनुसार भारत साल 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ड्रोन मार्केट बनने की राह पर है। वहीं ऐसा भी है कि 8 साल बाद यानी कि 2030 में भारत ड्रोन का मैन्यूफैक्चरिंग केंद्र बन सकता है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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