आर्ट और क्राफ्ट बच्चों के दिमाग को विकसित करती है। ये बच्चों में एकाग्रता, रंगों व अक्षरों की समझ के साथ-साथ रचनात्मकता को भी बढ़ाती है। छोटे बच्चे जब पर्यावरण संबंधी कोई चित्र या पेंटिंग तैयार करते हैं, तो उनकी प्रकृति को लेकर समझ और संवेदनशीलता बढ़ती है। साथ ही वे सोचने का नया नज़रिया भी बनाते हैं। जो उनके भविष्य के लिए मददगार साबित होता है। इसलिए बच्चों को कला के प्रति उत्साहित करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। जानते हैं क्यों जरूरी है बच्चों में रचनात्मकता को बढ़ाना।
बच्चों में बढ़ती है एकाग्रता
जब बच्चे कोई पेंटिंग या चित्र बनाते हैं तब उनमें उस विधा को लेकर रुचि तो उत्पन्न होती ही है साथ ही ध्यान भी केंद्रित होता है। वे यदि किसी चित्र को बनाते हैं या पेपर कटिंग करते हैं या फिर क्ले मॉडलिंग में वक्त बिताते हैं, तो वे उसे मनचाहा रूप देने के लिए सजग होते हैं। यही वजह है कि वे उसे बनाते वक़्त पूरा ध्यान लगा देते हैं। सही आकार, सही रंगों का चयन ये सब कर वे एकाग्र होते हैं। इस तरह की गतिविधियां बच्चों में फोकस तो बढ़ाती हैं। साथ ही बच्चों में एकाग्रता भी आती है।
रचनात्मकता को मिलता है बढ़ावा
जब बच्चे को क्राफ्ट के माध्यम से कोई क्ले माडलिंग या पेपर कटिंग जैसी एक्टिविटी करवाई जाती है तब तब उसमें नए-नए प्रयोग करके उसे और बेहतर बनाने का काम भी किया जाता है। बस जरूरत उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करने की होती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई बच्चा पेंटिंग करता है और रंगों का चयन अपनी पसंद के हिसाब से करता है, तो उसकी कल्पना में वो रंग पहले से उतरा हुआ होता है। जैसे आसमान का रंग नीला ही हो ये ज़रूरी नहीं, कई बच्चे अपना आकाश अपनी पसंद के रंग से तैयार करते हैं। बच्चे बहुत ही रचनात्मक होते हैं। तो उनकी कल्पनाओं के रंगों को खिलने दें।