NASA: हौसले बड़े हो तो सपनों का आसमान मिल ही जाता है। छत्तीसगढ़ की रितिका को भी अपने सपनों का आसमान मिला और अब वे उन्हें पूरा करने के लिए कदम बढ़ा चुकी हैं। दरअसल ये सच्ची कहानी है, छत्तीसग़ के महासमुंद की रहने वाली रितिका ध्रुव का। जिनका चयन NASA (नासा) के प्रोजेक्ट के लिए हुआ है।
सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं रितिका ध्रुव
NASA के साथ प्रोजेक्ट करने के लिए चयनित रितिका सिरपुर की रहने वाली हैं। वे सिरपुर के नयापारा स्थित स्वामी आत्मानंद शासकीस अंग्रेजी स्कूल में 11वीं की छात्रा है। वह NASA के प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए श्री हरिकोटा स्थित ISRO (इसरो) के सेंटर पर पहुंच चुकी हैं। उनकी इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ में हर किसी को गर्व हो रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए देश भर से 6 बच्चों को चुना गया है।
क्षुद्रग्रह खोज अभियान का हिस्सा बनेंगी रितिका
रितिका का यह चयन NASA के सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट के तहत क्षुद्रग्रह खोज अभियान के लिए किया गया है। यह प्रोजेक्ट ISRO के साथ अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कार्यक्रम के तहत साझेदारी का पार्ट है। सोसायटी फॉर स्पेस एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट (SSERD) ने सभी चयनित स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करने को कहा है। रितिका की ट्रेनिंग 6 अक्तूबर तक सतीश धवन स्पेस सेंटर आंध्रप्रदेश में चलेगी, जिसके बाद वे अगले चरण के लिए नवंबर में बेंगलुरु स्थित ISRO में होने वाले क्षुद्रग्रह ट्रेनिंग कैंप में भाग लेंगी।
आसान नहीं था प्रोजेक्ट के लिए चयन
रितिका की रूचि बचपन से ही विज्ञान में विषय में है। उन्होंने पहली बार 8वीं क्लास में अंतरिक्ष विज्ञान प्रतियोगिता में भाग लिया था। इसके बाद से लगातार विज्ञान संबंधी प्रतियोगिताओं में उनकी भागीदारी रही है। NASA के प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करने के बाद रितिका ने पहले बिलासपुर में विषय पर हुई प्रतियोगिता में अपना हुनर दिखाया। इसके बाद भिलाई स्थित IIT में उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद रितिका ISRO के श्री हरिकोटा (आंध्र प्रदेश) सेंटर में प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित हुईं।
ब्लैक होल से ध्वनि की खोज पर प्रजेंटेशन
इस प्रोजेक्ट में रितिका के साथ देश के 6 अन्य स्कूली विद्यार्थियों का चयन किया गया है। इनमें वोरा विघ्नेश (आंध्रप्रदेश), वेम्पति श्रीयेर (आंध्रप्रदेश), ओलविया जॉन (केरल), के. प्रणीता (महाराष्ट्र) और श्रेयस सिंह (महाराष्ट्र) हैं। इन्होंने अंतरिक्ष के वैक्यूम में ब्लैक होल से ध्वनि की खोज पर अपना प्रजेंटेशन दिया था। इसमें रितिका ध्रुव ने अपनी टीम का प्रतिनिधित्व किया था।