फलों और सब्जियों को लंबे समय तक फ्रेश रखने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) गुवाहाटी के रिसर्चर्स ने एडिबल कोटिंग, यानी खाने वाली परत तैयार की है। जिसकी मदद से खाने की चीजें पहले के मुकाबले ज्यादा वक्त तक सुरक्षित रहेंगी। इस प्रोडक्ट को तैयार करने का उद्देश्य यह है कि इससे फूड वेस्ट कम होगा। यह रिसर्च ACS फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है।
20 दिनों तक ताजी रह सकती हैं स्ट्रॉबेरीज
रिसर्चर्स ने एडिबल कोटिंग को आलू, टमाटर, हरी मिर्च, स्ट्रॉबेरीज, सेब, अनानास और कीवी जैसी सब्जी-फलों पर परिक्षण किया है। IIT गुवाहाटी के डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर विमल कटियार ने एक अखबार को बताया है कि कोटिंग से खाने की चीजें दो महीने तक भी ताजा रह सकती हैं।
उदाहरण के लिए, कोटिंग लगाने के बाद टमाटर की शेल्फ लाइफ एक महीना बढ़ेगी। इसके अलावा स्ट्रॉबेरीज की शेल्फ लाइफ महज 5 दिन की होगी, लेकिन एडिबल कोटिंग की मदद से इन्हें 20 दिन बाद भी खाया जा सकेगा।
एडिबल कोटिंग
एडिबल कोटिंग में दो तत्व मौजूद हैं। पहला- माइक्रो एल्गी (शैवाल) का एक्सट्रैक्ट और दूसरा- पॉलीसेकेराइड (एक तरह का कार्बोहाइड्रेट)। एक्सट्रैक्ट को समुद्री माइक्रोएल्गी डुनालीएला टेरिओलेक्टा से लिया या है। एल्गी का तेल मछली के तेल का प्लांट बेस्ड विकल्प और एक हेल्थ सप्लिमेंट के तौर पर उपयोगी है। तेल निकालने के बाद बचे हुए पदार्थ को फेंक देते हैं। रिसर्च टीम ने इसी बचे हुए पदार्थ के उपयोग से एडिबल कोटिंग बनाने में किया। इसे काइटोसन में मिलाया गया है, जो एक तरह की शुगर होती है। इसे शेलफिश की खोपड़ी से निकालकर तैयार किया जाता है।
मार्केट में जल्द आएगा प्रोडक्ट
रिसर्चर की टीम पिछले 6 साल से सब्जियों और फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए कोटिंग तैयार कर रहे हैं। अब उन्हें इसमें सफलता हासिल हो गई है। उनके अनुसार कोटिंग का मटेरियल पूरी तरह नॉन-टॉक्सिक और खाने के लिए सेफ है।