भारत सरकार ने 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही (जून तिमाही) में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP के आंकड़ों को जारी कर दिया है। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन (MoSPI) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार जून तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 13.5 फीसदी रही है।
पिछले साल की समान तिमाही में यह 20.1 फीसदी थी। देश के विकास दर की बात करें तो पिछली यानी जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में यह काफी बेहतर रही। पिछली तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 4.1 फीसदी थी। जून तिमाही में GVA ग्रोथ (YoY) 18.1% से घटकर 12.7% हो गई है।
अलग-अलग सेक्टर्स में कितना है ग्रोथ
क्षेत्र |
Q1 FISCAL YEAR 23 (वर्तमान) |
Q1 FISCAL YEAR 22 (पहले) |
सर्विसेज |
17.6% |
10.5% |
मैन्युफैक्चरिंग |
4.8% |
49% |
एग्रीकल्चर |
4.5% |
2.2% |
ट्रेड, होटल्स |
25.7% |
34.3% |
माइनिंग |
6.5% |
18% |
पावर एंड गैस |
14.7% |
13.8% |
कंस्ट्रक्शन |
16.8% |
71.3% |
RBI ने इस महीने के शुरुआत में ही अपनी मौद्रिक नीति संबंधी बैठक में यह कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ रेट करीब 16.2% तक रहने की संभावना है। RBI ने FY23 के लिए रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% पर सुरक्षित रखा था।
GDP (सकल घरेलू उत्पाद)
GDP इकोनॉमी के हेल्थ को ट्रैक करता है यह उपयोग की जाने वाली सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दर्शाता है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, वे भी इसमें शामिल होती हैं। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का स्तर भी कम होता है।