संगीत एक ऐसी विधा है, जो हर किसी के मन को भाता है। फिर चाहे वह बच्चा हो या बड़ा, संगीत में पारंगत हो या संगीत की समझ नहीं रखने वाला। हाल के दिनों में संगीत पर कई रिसर्च हो रहे हैं। जो यह बताते हैं कि संगीत असल में जीवन के लिए काफी लाभदायक है। यह हमारी इंसानी तौर पर हमारी क्षमता को कई मामलों में तेज करते हैं। संगीत के क्षेत्र में शोध कर रहे शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर आप चाहते हैं कि, आपके बच्चों का दिमाग लंबी उम्र तक तेज बना रहे, तो आप उन्हें किसी संगीत वाद्ययंत्र जैसे पियानो, तबला या वॉयलिन बजाने की ट्रेनिंग देना शुरू कर सकते हैं। यह बढ़ते बच्चों के दिमाग के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट बजाना मानसिक रूप से बड़ी चुनौती
नेपियर यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी के प्रोफेसर की बातचीत का अंश एक एखबार ने प्रकाशित किया है जिसके अनुसार यह कहा गया है कि- “जब आप कोई मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण वाला काम, जैसे वाद्ययंत्रों को बजाने का काम करते हैं, तो आपकी सोचने की क्षमता तेज होती है।“
म्यूजिशियन कठिन समय में भी नहीं मानते हैं हार
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग की स्टडी में यह बात सामने आयी है, कि जो लोग बचपन में कभी न कभी कोई म्यूजिकल इन्स्ट्रूमेंट से जुड़े हुए थे। उनका दिमाग बूढ़ा होने पर उन लोगों की तुलना में ज्यादा तेज होता है जिन्होंने कभी कोई इन्स्ट्रूमेंट नहीं बजाया था। साथ ही संगीत से जुड़े लोग कठिन हालातों में भी तटस्थ रहते हैं, वे जल्दी हार नहीं मानते हैं। अन्य लोगों की तुलना में उनमें सोच समझ कर जोखिम उठाने की क्षमता ज्यादा होती है।
वाद्ययंत्र से जुड़े लोग तर्क देने में ज्यादा सक्षम
रिसर्चर्स ने 70 साल से ऊपर के 366 बुजुर्गों पर रिसर्च की। इनमें से 117 ऐसे लोग थे जिन्हें अपने बचपन या किशोरावस्था में वॉयलिन, पियानो, गिटार या कोई दूसरा वाद्ययंत्र बजाने का पहले ही कोई अनुभव था। स्टडी रिजल्ट में यह सामने आया कि ऐसे लोग जिन्होंने अपने बचपन में कभी न कभी किसी वाद्ययंत्र को बजाया था, उनकी मानसिक क्षमता उन लोगों से बेहतर थी जिन्हें म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने का अनुभव नहीं था। वाद्ययंत्र बजाने वाले लोगों में तर्क क्षमता और बोलचाल में शब्दों का चयन भी दूसरे लोगों से ज्यादा पायी गई।
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