हम सब जीवन में हमेशा कुछ नया करना चाहते हैं, कुछ नया सीखना चाहते हैं। पर जब कभी भी कुछ करने की बात आती है वक़्त की शिकायत सामने आ जाती है। हमेशा यह शिकायत होती है कि‘समय ही नहीं मिलता।’ चाहे शरीर को दुरुस्त रखने के लिए रोज़ व्यायाम करना हो, पढ़ाई पूरी करनी हो या फिर नियमित दिनचर्या में कोई बदलाव करना हो, वक़्त का बहाना हमेशा सामने होता है। पर जानकारों का कहना है कि टाइम मैनेजमेंट आपकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। लेकिन कुछ नया करने के लिए टाइम मैनेजमेंट को सीखना सबसे जरूरी होता है।
नज़रिये में करें बदलाव
अगर आप किसी काम को करने या सीखने के लिए सही समय का इंतज़ार कर रहे हैं तो वो सही समय कभी नहीं आएगा। लेकिन अगर आप किसी नए काम की शुरुआत करने के लिए पहले के काम ख़त्म होने का इंतज़ार कर रहे हैं तो वह वक्त आपको कभी नहीं मिलेगा। इसलिए सही समय वाले कॉन्सेप्ट को बदलने की जरूरत है। अपनी सोच में बदलाव लाएं और काम को पूरा करने की इच्छा मन में लाएं। जब आप तय कर करेंगे कि आपको काम पूरा करना ही है तो समय ख़ुद-ब-ख़ुद निकालना सीख सकेंगे।
इच्छाओं की लिस्ट बनाएं
पहले यह जान लें कि आपको किन कामों के लिए निकालने की जरूरत है। मिसाल के तौर पर, नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई पूरी करने के लिए समय निकालना जरूरी है। व्यायाम करना है या कुछ नया स्किल सीखने के लिए वक़्त देना है। इसके लिए पहले एक लिस्ट तैयार करें। लेकिन एक समय में एक ही नया स्किल शामिल करें, जैसे कि कोई एक कोर्स करना, कोई खेल सीखना हो सकता है।
दिन को हिस्सों डिवाइड करें
नए काम के साथ-साथ दूसरे कामों का प्रबंधन कैसे होगा, यह भी सुनिश्चित करें। योजना हर दिन के अनुसार होगी। दिन को दो- तीन भागों में काम के हिसाब से बांटें- सुबह, दोपहर और शाम। अब कामों को समय अनुसार हिस्सों में बांट लें, जैसे कि गृहिणी हैं तो दोपहर का समय चुन सकती हैं, छात्र हैं तो शाम का समय। इन तीनों वक़्त के जिस हिस्से में आपके पास समय बचेगा उसे उन कामों के लिए रखें जिन्हें करना चाहते हों।
खुद के लिए 10 मिनट ही काफ़ी हैं
ख़ुद को वक़्त देने के लिए सिर्फ़ दस मिनट भी निकाल सकते हैं। इसके लिए बार-बार समय निकालने की जरूरत नहीं है। मान लीजिए कि अगर आप व्यायाम के लिए समय निकाल रहे हैं तो इसके लिए सिर्फ़ दस-पंद्रह मिनट ही काफ़ी होंगे। धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं, लेकिन तब जब तक आप इसमें ढल न जाएं।
ऊर्जा का प्रबंधन करें
समय के साथ-साथ ऊर्जा के प्रबंधन का भी ख्याल रखें। आप किस समय ज्यादा ऊर्जा महसूस करते हैं उस पर निर्भर करते हुए काम को सुबह, दोपहर और शाम में बांटें। अगर आप सुबह के समय ज्यादा ऊर्जा महसूस करते हैं तो काम के लिए यही समय का चुनाव करें। अगर शाम का वक़्त सहीं लगता है और ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है तो यह समय चुन सकते हैं।
ख़ुद को रखें एक्टिव
अलग से समय निकालने के लिए सुव्यवस्थित दिनचर्या बहुत ही ज़रूरी है। और यह तब मुमकिन है जब आप समय पर सोएंगे और समय पर जागेंगे। सुबह देर से उठने के बाद हर काम की शुरुआत भी देर से होगी तब तो स्वाभाविक है कि अतिरिक्त कामों के लिए समय कहां से निकालें। लिहाज़ा समय निकालने के लिए पहले सोने-जागने का समय सही करना जरूरी है।
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