भारतीय शूटर मेराज अहमद ने विश्वकप के स्कीट इवेंट में देश का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। दरअसल भारतीय शूटर ने कोरिया में आयोजित हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप 2022 में स्वर्ण पदक जीता।
मेराज ने आईएसएसएफ (इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन) वर्ल्ड कप के फाइनल में पुरुषों की स्कीट स्पर्धा में 40 शॉट में 37 का स्कोर बनाया। उन्होंने कोरिया के मिंसू किम और ब्रिटेन के बेन लीवेलिन को हराकर गोल्ड पर कब्जा जमाया। इससे पहले मेराज अहमद खान ओलंपिक में भारत की ओर से शूटिंग खेल चुके हैं। मेराज अहमद खान विश्व कप के स्कीट इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष निशानेबाज है. दो बार के ओलंपियन और इस बार चांगवन में भारतीय दल के सबसे सबसे उम्रदराज सदस्य मेराज ने 2016 में रियो दि जिनेरियो विश्व कप में रजत पदक जीता था.
इससे पहले अंजुम मोद्गिल, आशी चौकसी और सिफ्ट कौर सामरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन टीम स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। कांस्य पदक के मुकाबले में उन्होंने आस्ट्रिया की शैलीन वाइबेल, एन उंगेरांक और रेबेका कोएक को 16-6 से मात दी। भारत पांच स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य जीतकर अभी भी पदक तालिका में सबसे आगे है।
कौन हैं मेराज अहमद
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले मेराज क्रिकेट के प्लेयर भी रह चुके हैं। मेराज ने खुर्जा के केपी मांटेसरी स्कूल से 5वीं तक की पढ़ाई पूरी की फिर वे बुलंदशहर स्थित एक कान्वेंट स्कूल से 8वीं और खुर्जा से ही 10 प्लस टू (यूपी बोर्ड) पास किया जिसके बाद वे जामिया चले गए। मेराज के पिता होटल व्यवसायी थे।
बचपन में था क्रिकेट का शौक
मेराज को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था और उन्होंने क्रिकेट को जारी भी रखा। लेकिन मेराज के चाचा ने मेराज के आई कॉन्टैक्ट और एल्बो एंगल को देखते हुए उन्हें शूटिंग में आने के लिए प्रोत्साहित किया। और यहीं से मेराज शूटिंग की ओर आगे बढ़े। मेराज का जुनून निशानेबाजी में बदल गया और मेडल जीतना उनका टारगेट बन गया। आज उन्होंने देश को गौरान्वित किया है।
रियो और टोकियो ओलंपिक में कर चुके हैं भारत का प्रतिनिधित्व
पिछले दो दशकों में मेराज ने वर्ल्ड कप शूटिंग से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में पदक अपने नाम किए हैं। सितंबर 2015 में स्कीट शूटिंग में क्वालिफाई करने के बाद वे रियो ओलंपिक में स्थान पक्का करने वाले पहले भारतीय बने। जिसमें मात्र एक अंक से फाइनल में पहुंचने से वे चूक गए थे। उन्होंने नवंबर 2019 में दोहा में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में अंगद बाजवा को 1-2 से हराया और टोकियो ओलंपिक में अपना स्थान पक्का किया था।