छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में स्थित कोरिया जिला भारतीय संस्कृति को आदिवासी कला और जनजातियों से विविधता प्रदान करती है। वनों से परिपूर्ण इस क्षेत्र में कई जनजातियों का निवास है। इन विशेषताओं के अलावा भी इस क्षेत्र की अब नई पहचान बन रही है। और ये पहचान बना रही हैं यहां की महिलाएं। जो आजिविका के क्षेत्र में आगे आ रही हैं और अपने लिए रोजगार के नए अवसरों को तलाश रही हैं। जो काफी प्रेरणादायक है। इन्ही प्रेरणाओं में से एक कहानी है भारती की, जिन्हें स्थानीय लोग 'बिजली वाली दीदी' कहते हैं।
कौन हैं 'बिजली वाली दीदी'
भारती कोरिया जिले की पहली महिला है जिन्होंने मीटर रीडिंग और स्पॉट बिलिंग के क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार का दरवाजा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ में अब तक पुरूषों के ही वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में वह कोरिया जिले की पहली महिला है जो इस काम को कर रही हैं। अब तक केवल पुरुषों को इस काम के लिए सही माना जाता था। अधिकांशतः पुरूषों को ही इस क्षेत्र में देखा गया है। पर इस परिपाटी को बदलकर अब कोरिया जिले की महिलाएं मीटर रीडिंग और स्पॉट बिलिंग के काम में भी अपना कौशल आजमा रही हैं।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के बड़काबहरा में गठित जय लक्ष्मी महिला स्वसहायता समूह की सदस्य भारती पिछले मार्च महीने से यह काम कर रही हैं। भारती ने अब तक करीब 700 घरों में बिजली के मीटर की रीडिंग कर स्पॉट बिलिंग का काम किया है। उन्होंने अपने काम के शुरूआती मार्च महीने में ही पहले बैच में 218 और दूसरे बैच में 200 बिल तैयार किए हैं। चालू अप्रैल माह में भी वह पहली बैच में अभी तक 270 घरों में मीटर रीडिंग और स्पॉट बिलिंग कर लोगों को बिजली का बिल उपलब्ध करा चुकी हैं।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने प्रशासन कर रहा है काम
कोरिया जिला प्रशासन की यह अनूठी पहल है जिसके ज़रिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ काम किया जा रहा है। इसके लिए मीटर रीडर की जरूरत वाले गांवों में ‘बिहान’ की स्वसहायता समूहों की महिलाओं को इस काम से जोड़ा जा रहा है। मनेन्द्रगढ़ विकासखंड में अलग-अलग गांव की पांच महिलाओं का चयन इस काम के लिए किया गया है। बड़काबहरा की भारती भी इन्हीं महिलाओं में से एक हैं। CSEB से प्रशिक्षण लेने के बाद अब वह अपने नए कार्यक्षेत्र में उतर चुकी हैं। भारती को देखकर अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं। लोग उन्हें 'बिजली वाली दीदी' के नाम से जानने लगे हैं।
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