EMPOWER WOMEN: दिव्यांग महिलाओं के लिए संध्या बनीं आशा की किरण!




कहते हैं कि अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लेने से अक्सर राह आसान हो जाती है। इस बात को पूरी तरह से सही साबित करती हैं जम्मू की संध्या धर। संध्या धर स्वयं एक दिव्यांग हैं और अपने जैसे ही और भी महिलाओं के लिए काम कर रही हैं। दरअसल संध्या ने एक संस्था बनाई है, जिसकी मदद से वे दिव्यांग महिलाओं की जिंदगी में रंग भर रही हैं। साथ ही वे अपनी संस्था ‘जिगर’ के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों की भी मदद करती हैं।

क्या है संस्था ‘जिगर’

जम्मू इंस्टीट्यूट ऑफ जनरल एजूकेशन एंड रिहैबिलिटेशन (जिगर) संस्था में जरूरतमंद बच्चों को पढ़ी लिखी दिव्यांग महिलाएं निशुल्क शिक्षा देती हैं। जिससे दिव्यांग महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। संस्था जिगर दिव्यांगों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करती है। इस संस्था की मदद से जम्मू के जिलों में दिव्यांगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने से लेकर सरकारी प्रावधानों के तहत अवसर दिलाने का काम भी किया जाता है।

दिव्यांगों के लिए उम्मीद की किरण ‘संध्या धर’

संध्या धर एक दिव्यांग कश्मीरी विस्थापित महिला हैं। संध्या अपनी ही तरह की कई महिलाओं की प्रेरणाश्रोत है । ऐसे अनगनित दिव्यांग महिलाओं और बच्चों के जीवन को अपने अटूट जज़्बे से संध्या ने नयी राह दी है।

संध्या कहती हैं, कि- जहां कई मामलों में विभागीय मदद नहीं मिली, वहां उन्होंने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिल्टी के तहत मदद दिलवाई। संध्या को उनके कामों के लिए नारी शक्ति सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

उनका कहना है कि दिव्यांग महिलाएं बिना फिक्र किए आगे बढ़ें, वे ये न सोचें कि समाज उनके बारे में क्या सोचता या कहता है। बल्कि ये सोचें की ईश्वर ने उन्हें जो अनमोल उपहार दिया है, अगर उसको दोनों हाथों से स्वीकार कर मुस्कुराते हुए उसका स्वागत करते हुए आगे बढ़ें, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। सभी को अपने लिए खुद संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। वाकई उनका ये काम समाज को एक सकारात्मक दिशा तो दे ही रहा है बल्कि बच्चों और विकलांगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ रहा है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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