HIGHLIGHTS:
- सेमीफाइनल के लिए भारत का दावा पक्का
- टीम इंडिया ने महिला वर्ल्ड कप में बांग्लादेश को 110 रन से हराया
- भारत की तरफ से स्नेह राणा ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए
भारतीय वुमेन्स टीम की लगातार 5 वीं जीत ने भारत का सेमीफाइनल में दावा पक्का कर दिया है। बांग्लादेश के खिलाफ यह लगातार 5वीं जीत है। इस जीत के बाद अब भारत महिला वर्ल्ड कप की पॉइंट्स टेबल में 6 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। भारत अब 27 मार्च को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलेगी। बांग्लादेश को भारत ने 230 रन का टारगेट दिया था, जिसके जवाब में टीम 119 रन पर ही ऑलआउट हो गई। भारत की इस जीत के सभी होनहार भारतीय खिलाड़ी दावेदार हैं लेकिन भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली स्नेह राणा ने इस बार सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। स्नेहा ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए जिसके बाद ही भारत की अंक तालिका में बदलाव हुए हैं।
स्नेह राणा देहरादून के सहसपुर ब्लॉक के सिनोला गांव से हैं। स्नेह 5 साल की छोटी सी उम्र से ही गली क्रिकेट खेलती थीं। उनके कोच बताते हुए कहते हैं, कि-"स्नेह के पिता ने पहले खेलने से मना किया था कि लड़की क्रिकेट नहीं खेलेगी। लेकिन एक हफ़्ते बाद ही 9 साल की स्नेह बल्ले के साथ क्रिकेट की बारीकियां सीखने खेल के मैदान में थी।"
कई परेशानियां आईं पर स्नेह ने नहीं छोड़ा खेलना
स्नेह की मां विमला राणा का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचना स्नेह के लिए काफी मुश्किल था। वे कहती हैं गांव में लड़के ही क्रिकेट खेलते थे, लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलती थीं। लेकिन स्नेह के खेल ने लोगों को प्रभावित किया और उसने इतना अच्छा खेला कि लड़के उन्हें अपने साथ क्रिकेट खेलने के लिए ले जाते थे। गांव में एक टूर्नामेंट उसके खेल से प्रभावित होकर उस समय कोच किरण शाह उसे क्रिकेट के मैदान तक ले गए।
आसान नहीं था भारत के लिए खेलना
जब स्नेह ने खेलना शुरू किया तब उस समय उत्तराखंड में राज्य का अपना क्रिकेट एसोसिएशन नहीं था। स्नेह खेलने के लिए हरियाणा गई लेकिन वहां अंडर-19 में उन्हें ज़्यादा खेलने नहीं मिला। इसके बाद स्नेह राणा पंजाब क्रिकेट टीम के अंडर-19 क्रिकेट में शामिल हुईं। और उन्होंने अपने शानदार खेल से सबका दिल जीत लिया। अपने बेहतरीन खेल के जरिए उत्तराखंड की लड़की पंजाब की टीम में कप्तान बन गईं।
स्नेह राणा आज अपने खेल से भारत के क्रिकेट को एक अलग मुकाम पर ले जा रही हैं। खासकर महिला क्रिकेट को। उनके खेल से प्रेरणा लेकर आज भारत की लड़किया खुद को आने वाले समय के लिए तैयार कर रही हैं।
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