भारत का इतिहास इस कथन के सही होने का साक्षी है कि महिलाएं शक्ति का दूसरा रूप होती है। वो हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में सक्षम होती है। फिर चाहे वो जंग का मैदान हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, या फिर संपूर्ण व्यक्तित्व को पूरी गरिमा और मर्यादा के साथ संभालना हो।राजस्थान के गौरवशाली इतिहास में जयपुर की महारानी गायत्री देवी इन्हीं में से एक थी।
कौन थी रानी गायत्री?
“जयपुर की राजमाता” के नाम से मशहूर, महारानी गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था। महारानी के पिता श्री राजकुमार जितेंद्र नारायण, कूचबिहार (बंगाल) से थे और उनकी माँ इंदिराराजे, बड़ौदा से थी। इनका का विवाह महाराजा मान सिंह-II के साथ जयपुर में हुआ।
शिक्षा तथा निजी जीवन
गायत्री देवी ने लंदन के ग्लेंडोवर प्रिपेटरी स्कूल (Glendower Preparatory School) से अपनी शिक्षा प्राप्त की और फिर उन्होंने लंदन कॉलेज ऑफ़ सेक्रेटरीज (London College of Secretaries) से सचिवीय कौशल की शिक्षा प्राप्त की।
आलिशान महल में पली-बढ़ी गायत्री देवी को शिकार का भी बहुत शौक था। माना जाता है कि जब उन्होंने पहली बार चीते का शिकार किया तब उनकी उम्र महज 12 वर्ष थी। इसके अलावा महारानी को घुड़सवारी और पोलो खेलने में भी काफ़ी दिलचस्पी थी।
क्यों कहते थे गायत्री देवी को राजशाही?
जयपुर की इस महारानी के खूबसूरती के चर्चे तो विश्व भर में मशहूर थे। लेकिन जल्द ही रानी गायत्री देवी ने चुनाव लड़ा और एक ऐतिहासिक जीत हासिल करके अपने क्षेत्र की सांसद भी बनी। शाही ठाट में रहने वाली रानी में आम-आदमी के जज़्बात समझने की काबिलियत भी थी।
भारत की आजादी के बाद अधिकांश रियासतों को भारत में शामिल कर लिया गया था जिसके बाद सभी शासकों से उनकी सत्ता छीन ली गई। सन् 1962 में महारानी ने सी. राजगोपालचारी (C. Rajgopalchari) द्वारा स्थापित स्वतंत्रता पार्टी (Swatantrata Party) में शामिल होकर राजनीति में पहली बार कदम रखा और उसी वर्ष उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र से चुनाव जीतकर अपने क्षेत्र की सांसद बनी।
उन्होंने लोकसभा में 246,516 मतों में से 192,909 मत हासिल किए, जो दुनिया के सबसे ज्यादा वोट पाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
गायत्री देवी: प्रेरणादायक मूरत
गायत्री देवी पारंपरिक प्रतिबंधों से आगे बढ़कर उन्होंने एक ऐसी मिसाल कायम की जो आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
वे ना सिर्फ केवल राजनीति में अव्वल थी बल्कि उनका नाम दुनिया के “10 सबसे खूबसूरत महिलाओं” में से एक था। हिंदुस्तान की एक राजकुमारी पूरी दुनिया की फैशन आइकॉन बन गई।
शिक्षा व समाज सुधार के लिए जयपुर में, ‘महारानी गायत्री देवी गर्ल्स स्कूल’ (Maharani Gayatri Devi Girls School) की शुरुआत हुई जो कि आज भी महिला शिक्षा को बढ़ावा देने में अपना योगदान देते आ रहा है। महारानी गायत्री देवी को आज भी इन सारी बातों से सराहा जाता है।
एक राजकुमारी पहले जयपुर की राजमाता बनी और फिर भारत के राजनीति में रिकॉर्ड बनाकर इतिहास के स्वर्णीय पन्नो में अपना नाम दर्ज़ कर दिया।